छत्तीसगढ़ पुलिस एंकर रोहित रंजन को नहीं पकड़ पाई। गिरफ्तार करने के लिए पहुंची रायपुर पुलिस की टीम के सामने ही चकमा देकर नोएडा पुलिस रोहित रंजन को ले गई। उसे गिरफ्तार किया गया और फिर जमानत दे दी गई। इसके बाद रोहित लापता हैं। इसके बाद रायपुर पुलिस ने रोहित को फरार घोषित कर दिया है। रायपुर पुलिस न्यूज चैनल के दफ्तर पहुंची और वहां रोहित के थाने में हाजिर होने का नोटिस चस्पा कर दिया। एक दिन पहले एंकर के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात आई थी, पर याचिका ही दायर नहीं की गई।
रायपुर पुलिस के डीएसपी उदयन बिहार ने बताया नोटिस चैनल के प्रोड्यूसर उसको देना चाहा। इसमें जो रायपुर पुलिस ने जानकारी मांगी कि विवादित शो में वीडियो क्लिप कहां से हासिल की गई। किसने कंटेंट तैयार किया, मगर इस नोटिस को लेने से न्यूज़ चैनल वालों ने इंकार कर दिया। ऐसे में रायपुर की पुलिस ने चैनल दफ्तर के बाहर ही इस नोटिस को चिपका दिया। रोहित रंजन फरार हैं ऐसे में अब रोहित रंजन को 7 दिन के भीतर रायपुर के सिविल लाइंस थाने में पेश होकर अपना पक्ष रखने का नोटिस जारी किया है।
दरअसल बीते मंगलवार को रायपुर पुलिस की 15 जवानों और अफसरों की टीम गाजियाबाद पहुंची थी रोहित रंजन के घर में दाखिल होने के बाद अचानक स्थानीय पुलिस ने दखल दिया और रोहित रंजन को नोएडा की पुलिस पकड़ ले गई। रोहित रंजन रायपुर की पुलिस के हाथ नहीं आए रायपुर के सिविल लाइन थाने में न्यूज़ एंकर रोहित रंजन के खिलाफ राहुल गांधी से जुड़ी फेक न्यूज़ प्रसारित करने का केस दर्ज किया गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस गाजियाबाद एसएसपी मुनिराज जी. से मिलने पुलिस आफिस पहुंची। एसएसपी कलक्ट्रेट में आयोजित एक बैठक के लिए निकल चुके थे। छत्तीसगढ़ के रायपुर के नगर अधीक्षक उदयन बेहार ने एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा से मिलकर इंदिरापुरम पुलिस के खिलाफ शिकायती पत्र दिया। पत्र में कहा है कि वह पुलिस के साथ रोहित रंजन के घर गिरफ्तारी वारंट को तामील करने आए थे, लेकिन इंदिरापुरम पुलिस ने सहयोग नहीं किया, बल्कि उन्हें साथ ले गई।
कोर्ट द्वारा रोहित रंजन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। रायपुर से आई पुलिस टीम में उदयन बेहार के अलावा, निरीक्षक सुरेश कुमार, अजय झा व उपनिरीक्षक रोहित मालेकर शामिल थे। इंदिरापुरम पुलिस रोहित रंजन को उनके घर से निकाल कर स्विफ्ट कार में बैठाकर थाने की बजाय कहीं और ले गई। जब वह इंदिरापुरम थाने पहुंचे तो वहां से रंजन गायब थे।
आरोप है कि इंदिरापुरम थाना प्रभारी और उनके पुलिसकर्मी रंजन को थाने की बजाय किसी अन्य स्थान पर ले गए। एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा को सौंपी शिकायत में उन्होंने रोहित रंजन को सौंपे जाने और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
एंकर रोहित रंजन केस में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अजीब वाकया भी हुआ। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के एक केस की सुनवाई जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी कर रहे थे। इसी दौरान अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एंकर रोहित रंजन के खिलाफ कई जगह FIR हो गई हैं। इन्हें एक जगह किया जाए। इस पर जजों ने कहा, ‘‘ठीक है, कल सुनवाई होगी।’’
तभी रोहित के अधिवक्ता ने कहा कि अभी तो हमने केस ही फाइल नहीं किया है। इस पर जस्टिस नाराज हो गए। अधिवक्ता को डांट लगाते हुए कहा कि हमने आदेश जारी कर दिया और आपने केस तक फाइल नहीं किया। ऐसे में माना जा रहा है कि इस केस में 7 जुलाई को सुनवाई नहीं होगी। कारण यह कि रोहित रंजन के अधिवक्ता की तरफ से अभी तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर नहीं की गई है।