बिहार ब्यूरो: राजस्थान की एक जनसभा में हनुमान जी को दलित बताने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यू टर्न ले लिया है। पटना के महावीर मंदिर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा हमने हनुमान जी की जाति नहीं बताई थी। मैंने सिर्फ ये कहा कि जो दबे कुचले और वंचित थे, उनको बजरंगबली ताकत देते हैं। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर गर्भगृह में पुजारियों के अलावा केवल योगी ही रहे। योगी जब पहुंचे तो आरती का समय था। वहां खड़े श्रद्धालुओं का भी योगी ने हाथ उठाकर अभिनंदन किया। इसके बाद आचार्य किशोर कुणाल उन्हें मंदिर के अंदर ले गये।
हनुमान मंदिर के बाहर जमा हुए सैकड़ों प्रशंसक
हनुमान जी की मूर्ती के पास जाकर मुख्यमंत्री ने पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी अनेक दास और उमा दास ने सीएम को पूजा करायी फिर वे पहले तल्ले पर चले गये। यहां भगवान शंकर और अन्य देवी देवताओं की पूजा की। इस अवसर पर मंत्री नंदकिशोर यादव के अलावा योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार भी मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रही। इस दौरान किशोर कुणाल ने उन्हें नैवेद्यैम और धार्मिक पुस्तकें भेंट की। हनुमान मंदिर के बाहर योगी के सैकड़ों समर्थक जमा थे। उनके मंदिर से निकलते ही उन्होंने नारे लगाने शुरू कर दिये। सीएम ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया फिर अपने काफिले के साथ वहां से रवाना हो गये।