आदित्य सिंह, रायबरेली: भ्रष्टाचार और लालच का ऐसा गठजोड़ नायाब है। किसी को गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुंचाने में इतना गिर गये कि सारे मानक और नियम एक तरफ हो गये और वह भी तब जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचारियों को सख्त नसीहत देते आ रहे हैं। मामला है रायबरेली का जहां सेटिंग- गेटिंग योजना के तहत लोक निर्माण विभाग, निर्माण खंड 1 की अधिशासी अभियंता ने लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा निस्तारित केस को विचाराधीन बना रखा है।
यह है मामला-
मामला है एक रायबरेली के डलमऊ में एक पेट्रोल पंप की NOC का, डलमऊ- फतेहपुर रोड पर प्रस्तावित पेट्रोल पंप को NOC देने से खुद लोक निर्माण विभाग के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। उसके बावजूद लोक निर्माण विभाग इतना दरियादिल है कि नियम तोड़ कर NOC देने को बेताब है। जब एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लोक निर्माण विभाग को नियमों को याद दिलाते हुए लखनऊ उच्च न्यायलय में केस दर्ज कर दिया तो लोक निर्माण विभाग नींद से जागा। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि यदि नियमों का उल्लंघन ना हो रहा हो तो 6 हफ्तों में NOC दे दी जाए। 6 हफ्तें कब के बीत गये और उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध ना जाते हुए लोकनिर्माण विभागन ने NOC तो नहीं दी लेकिन प्रस्तावित पेट्रोल पंप के मामले को बंद ना करते हुए अभी भी कुछ जुगाड़ करके NOC देने के जतन कर रहा है। देखिये The Freedom News द्वारा लगाई खबर पर लोक निर्माण विभाग ने जवाब दिया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है-
अब देखिये लखनऊ उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर दर्ज केस संख्या 1521/2024 की वर्तमान स्थिति। उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर केस Disposed दिखा रहा है लेकिन लोक निर्माण विभाग, रायबरेली कोर्ट के फैसले को विचाराधीन बनाये हुये है। देखिय वेबसाइट में दर्ज स्थिति का स्क्रीनशॉट-
आखिर क्यों लोक निर्माण विभाग, निर्माण खंड 1 के अधिकारी उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान नहीं कर रहे हैं। क्यों उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध और तो और खुद लोक निर्माण विभाग रोड्स 2022 नियम का उल्लंघन करके ईंधन स्टेशन को NOC देना चाहता है। जब उच्च न्यायलय ने फैसला दे दिया अब PWD क्यों प्रस्तावित पेट्रोल पंप की NOC के प्रार्थना पत्र को निरस्त ना करते हुए विचाराधीन है।