बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती
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कांग्रेस की नीतियों से सहमत नहीं लेकिन राजस्थान-मप्र में समर्थन करेंगे- मायावती

नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए पार्टी ने यह निर्णय लिया है। बता दें मध्यप्रदेश में बसपा के दो और राजस्थान में छह विधायक निर्वाचित हुए हैं। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए हम कांग्रेस का समर्थन करेंगे। बता दें कि सपा को मध्यप्रदेश में एक सीट मिली है जबकि बसपा को दो सीटें मिलीं हैं।
कांग्रेस पार्टी को खरी-खरी सुनाई
बुधवार सुबह प्रेस कांफ्रेस के दौरान मायावती ने एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी को खरी-खरी सुनाई वहीं समर्थन देने की बात भी कही। मायावती ने कहा कि भले ही हम कांग्रेस की कई नीतियों से सहमत नहीं हैं लेकिन हमारी पार्टी मध्य प्रदेश में उनका समर्थन करने के लिए सहमत हुई है और जरूरत पड़ी तो राजस्थान में भी समर्थन करेंगे।  उन्होंने कहा कि पांचों राज्यों में आए परिणाम दिखाते हैं कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लोग भाजपा और इसकी नीतियों के पूरी तरह से खिलाफ थे और नतीजतन अन्य प्रमुख विकल्पों की कमी के कारण उन्होंने कांग्रेस का चयन किया है।
आजादी के बाद हमें ज्यादा फायदा नहीं हुआ
मायावती ने कहा कि बहुजन समाजवादी पार्टी का निर्माण ही कांग्रेस की वजह से हुआ है। उन्होंंने कहा कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी ने पिछड़ी जाति, जनजाति के विकास के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जिसकी वजह से पार्टी का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि पिछड़ी जातियों की उपेक्षा कांग्रेस पार्टी के राज्य में भी होती रही है भाजपा के कार्यकाल में भी यह बंद नहीं हुआ है। कभी भी इन वर्गों का विकास नहीं हो सका है। आजादी के बाद भी हमें ज्यादा फायदा नहीं हुआ जिसकी वजह से बसपा का निर्माण हुआ था।
भाजपा से कड़ा संघर्ष किया
बसपा प्रमुख ने भाजपा की हार को पिछड़ी जातियों की अनदेखी करना बहुत बड़ा कारण बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों की वजह से जनता दुखी थी जिसकी वजह से जनता ने कांग्रेस पार्टी को ही मजबूत समझा और वोट दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इसका पूरा फायदा उठाया है और पार्टी को 2019 के चुनाव में भी इसका फायदा मिलेगा। हमारी पार्टी ने भाजपा से कड़ा संघर्ष किया है।

उन्होंने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का तहे दिल से धन्यवाद देते हुए कहा कि ये बात सच है कि हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत के बाद भी हम ज्यादा सीट जितने में सफल नहीं हो सके हैं। लेकिन  जिन्होंने हमें वोट दिया है मैं उनका आभार प्रकट करती हूं।

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