न्यूयॉर्क: पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर फिर अमेरिका ने फटकार लगाई है। अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को ‘आश्रय’ देना बंद नहीं किया है। ये आतंकवादी ही कई देशों में घूम रहे हैं और अमेरिकी सैनिकों को मार रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह बना है, तब तक इस्लामाबाद को वॉशिंगटन से एक भी डॉलर की मदद नहीं मिलनी चाहिए।
पैसा देने की कोई जरूरत नहीं
ट्रंप प्रशासन में भारतीय मूल की वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका को उन देशों को पैसा देने की कोई जरूरत नहीं है जो अमेरिका का अहित चाहते हैं, उसके पीठ पीछे गलत काम करते हैं और उसे काम करने से रोकते हैं। हेली ने अमेरिकी पत्रिका दी एटलांटिक से कहा कि मुझे लगता है कि किन देशों के साथ साझेदारी करना है इस बारे में रणनीतिक रूप से सोचने की जरूरत है। जैसा कि कुछ चीजों पर मिलकर काम करने के लिए हम किन देशों पर भरोसा कर सकते हैं आदि। मुझे लगता है कि हम आंख मूंद कर पैसे को यूं ही जाने देते हैं, यह भी नहीं सोचते कि उसका कुछ फायदा है भी या नहीं?
आतंकवादी आकर हमारे सैनिकों की हत्या करते हैं
हेली ने कहा कि मैं आपको एक उदाहरण देती हूं। पाकिस्तान को ही लीजिए, उन्हें एक अरब डॉलर देते हैं, इसके बावजूद वे आतंकवादियों को पनाह देते हैं। वहीं आतंकवादी आकर हमारे सैनिकों की हत्या करते हैं। जब तक इसमें कोई सुधार नहीं होता, तब तक हमें उन्हें एक डॉलर भी नहीं देना चाहिए। हमें उस एक अरब डॉलर का इस्तेमाल उचित जगह करना चाहिए क्योंकि यह कोई मामूली राशि नहीं है।
गौरतलब है कि इस वर्ष के अंत में हैली संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत का पद छोड़ देंगी। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हीथर नोर्ट को इस पद के लिए नामित किया था। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान को कुछ समय पहले खरी-खरी सुनाई थी। तब ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों की ‘सुरक्षित पनाहगाह’ बना हुआ है। अमेरिका जो पैसा पाकिस्तान को आतंकवादियों से लड़ने के लिए देता है, उसका क्या फायदा।
पाकिस्तान ने चीन का हाथ थाम लिया
आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका सख्त हुआ, तो पाकिस्तान ने चीन का हाथ थाम लिया।अमेरिका ने मदद बंद की तो पाकिस्तान के तेवर भी बदल गए हैं। वित्तीय मदद के बदले अमेरिका की हां में हां मिलाने वाले पाकिस्तान ने अब चीन का हवाला देते हुए अपने रिश्तों की परिभाषा तय करने की कोशिश की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह अमेरिका के साथ वैसे ही रिश्ते चाहते हैं जैसे उनके चीन के साथ हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह अमेरिका को बंदूक चलाने के लिए अपने कंधे के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देंगे।
दोनों देशों के रिश्तों में तनाव
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पिछले साल अगस्त में अपनी अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा करने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। ट्रंप ने अफगानिस्तान में आतंकियों द्वारा अमेरिकियों पर हमले के बाद पाकिस्तान में सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने को लेकर उसपर निशाना साधा था। इसके बाद सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता यह कहते हुए रद कर दी थी कि वह आतंकी संगठनों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा।