सुप्रीम कोर्ट ने हेरोइन रखने की आरोपी महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह NDPS केस में गांजा और चरस तक तो जमानत दे सकती है, लेकिन हेरोइन को केस में वो ऐसा बिल्कुल नहीं करेगी। कोर्ट के इसके पीछे की वजह भी स्पष्ट की। साथ ही कहा कि यह ऐसा नशा है जो सब खत्म कर देता है। युवा पीढ़ी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब भी गांजा या चरस से जुड़े मामले होते हैं तो हम जमानत के पक्षधर होते हैं। लेकिन हेरोइन के केस में हम ऐसा नहीं कर सकते हैं। इसको लेकर हमें सख्त एक्शन लेना ही होगा।
यह पूरा मामला 61 साल की महिला से जुड़ा है। जिसके ऊपर 500 ग्राम हेरोइन रखने का आरोप है। महिला उसी कार में यात्रा कर रही थी। जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया था। पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था।