नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव और उनके विश्वासपात्र रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता आरके धवन का सोमवार रात निधन हो गया। 81 वर्षीय धवन काफी समय से बीमार चल रहे थे। धवन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे थे और एक समय उन्हें कांग्रेस और सरकार के शक्तिशाली लोगों में गिना जाता था।
हत्या के भी वह प्रत्यक्षदर्शी
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के भी वह प्रत्यक्षदर्शी थे। वह इंदिरा गांधी के करीब आने के बाद से अंतिम वक्त तक उनके साथ रहे। उनका जन्म 16 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के चिनोट में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत में आकर बस गया था। उन्होंने कर्नल ब्राउन कैंब्रिज स्कूल, देहरादून और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की थी। आपातकाल के दौरान वह सत्ता के अहम स्तंभ बनकर उभरे थे और इंदिरा गांधी तक सूचना पहुंचाने में उनकी बड़ी भूमिका थी।
राज्यसभा सांसद भी रहे
इस दौरान होने वाली प्रशासनिक नियुक्तियों में भी उनकी दखलंदाजी थी। हालांकि इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी ने उन पर भरोसा नहीं किया और उन्हें सभी अहम पदों से हटा दिया। आपातकाल के लिए वह संजय गांधी को दोषी मानते थे। वह राज्यसभा सांसद भी रहे थे। अपनी बीमारी के दौरान देखभाल करने वाली अचला मोहन से 2012 में शादी करने को लेकर वह काफी सुर्खियों में रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।