आशुतोष गुप्ता, रायबरेली : कोविड के दूसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन कराने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रकिया शुरू करने के लिए कहा जिसके बाद बीते 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया, वैक्सीन को लेकर रायबरेली जिले के डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य अधिकारी पी के गुप्ता ने The Freedom News को बताया की वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में है और सभी को वैक्सीन लगवानी चाहिए था इससे डरना भी नहीं चाहिये। जो लोग रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे उन लोगों के लिए वैकल्पिक तरीके से टीका लगाया जाएगा।
डॉ गुप्ता कहते हैं कि कोरोना वायरस के आने से पहले भी दुनिया में कई तरह की महामारियों का फैलने का जिक्र मिलता है। हैजा, चेचक, प्लेग, रेबीज, टीबी और पोलियो समेत कई बीमारियों के कारण लाखों-करोड़ों लोगों की जानें गईं। लेकिन विकसित मेडिकल व्यस्था नहीं होने के कारण लोगों को सही इलाज नहीं मिल पाता था। ऐसे में डॉक्टर अपने हिसाब से इलाज करते थे, जिसके कारण लोगों की जान चली जाती थी।
मेडिकल साइंस की तरक्की होने से वैज्ञानिकों को ये बात समझ में आया कि किसी भी बीमारियों से बचने के लिए टीका काफी प्रभावी हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि चेचक दुनिया की ऐसी पहली बीमारी थी जिसके टीके की खोज हुई। चेचक के टीके की खोज साल 1976 में अंग्रेज चिकित्सक एडवर्ड जेनर ने किया था। आज के समय में भले ही लोग चेचक रोग को सामान्य मानते हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब ये बीमारी काफी गंभीर थी। सत्तर के दशक में इस बीमारी का डर खत्म हुआ। चेचक के वजह से दुनियाभर में करीब 50 करोड़ लोगों की जान चली गई थी।