उत्तर प्रदेश

UP में स्मार्ट मीटर गड़बड़ी पर सख्त CM योगी, STF करेगी जांच

विभोर मिश्रा, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि स्मार्ट मीटर डिस्कनेक्शन की घटना के दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस घटना की जांच एसटीएफ से कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र था, जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं।

बता दें कि बुधवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण प्रदेश के लाखों घरों में कई घंटों बत्ती गुल रही थी। यह गड़बड़ी पॉवर कॉरपोरेशन के शक्तिभवन मुख्यालय से हुई थी। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार को जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। स्मार्ट मीटर का काम देख रही ईईएसएल के स्टेट हेड व एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर को देर रात निलंबित कर दिया गया है।

दरअसल, प्रदेशभर में 10 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे हैं। शक्तिभवन मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम में लगे सर्वर से स्मार्ट मीटर पर निजी कंपनी एलएंडटी और ईईएसएल द्वारा नजर रखी जाती है। बुधवार दोपहर बाद लगभग तीन बजे प्रदेश के लाखों स्मार्ट मीटर से बिजली आपूर्ति ठप हो गई जबकि विद्युत उपभोक्ताओं का न बिल बकाया था और न ही देय तिथि गुजरी थी। खासतौर से लखनऊ के अलावा मथुरा, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उपभोक्ता प्रभावित हुए। परेशान उपभोक्ता, विद्युत उपकेंद्रों पर पहुंचे लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

बताया जा रहा है कि कंट्रोल रूम में कार्यरत कर्मियों ने शरारत या लापरवाही में गलत कमांड दे दिया जिससे सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर में तकनीकी गड़बड़ी आ गई। इससे जीनस कंपनी के 90 फीसद से अधिक स्मार्ट मीटर से अचानक बिजली आपूर्ति रुक गई। पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी से स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति ठप हुई लेकिन देर रात तक उसे ठीक कर दिया गया। फिर भी कोई समस्या हो तो वह डिस्कॉमवार हैंडल्स पर टैग कर जानकारी दे दे। गौर करने की बात यह है कि अगर सूबे के सभी लगभग तीन करोड़ उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे होते तो ऐसे में ग्रिड को भी खतरा हो सकता है।

द फ्रीडम स्टॉफ
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