सूर्य प्रकाश अग्रहरि, लखनऊ: बीएड प्रवेश परीक्षा में कोरोना से सुरक्षा की पोल खुलने के बाद अब खंड शिक्षा अधिकारी में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों में डर का माहौल स्थान ले रहा है। बीती 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश में सूबे स्तर पर सबसे बड़ी बीएड की प्रवेश परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा में लगभग 4 लाख 31 हज़ार 904 परीक्षार्थियों को शामिल होना था हालांकि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए परीक्षार्थियों की संख्या में कमी दिखाई पड़ी। कई केंद्रों पर शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ती दिखाई दी। वहीं महीनों से यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के बावजूद, कई छात्रों ने बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए परीक्षा छोड़ने का फैसला किया है। पूरे उत्तर प्रदेश में बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए शासन-प्रशासन द्वारा किये गए दावे की पोल खुलती नज़र आई। कही पर कक्ष संख्या लिस्ट देर में लगाई गई तो कहीं पर कोविड जांच सेन्टर को ही परीक्षा सेन्टर बना दिया गया। बीएड प्रवेश परीक्षा में जहाँ परीक्षा केंद्र के भीतर अभ्यर्थियों में दूरी रखने का प्रयास किया गया। वही, अभ्यर्थियों के साथ आए परिजनों की वजह से केन्द्रों के बाहर मेला लगा रहा। कॉलेज के बाहर भीड़ को बाद में पुलिस ने दूर करने का प्रयास करते रहे। लेकिन फिर भी भीड़ लगी रही। बहुत से लोग बगैर मास्क के भी दिखे। इसके बाद 16 अगस्त को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की खंड शिक्षा अधिकारी की परीक्षा प्रस्तावित है।
बीएड प्रवेश परीक्षा में सामाजिक दूरी के दावे की धज्जियां प्रयागराज कुलभास्कर इंटर कॉलेज में उड़ती नज़र आई। यहाँ देर से गेट खुला और लगभग 8:00 बज़े तक लिस्ट भी नहीं लगाई गई थी जिसके कारण छात्र-छात्राओं की भीड़ एक साथ उमड़ पड़ी।
प्रयागराज के अलावा भी प्रदेश के कई सेन्टरों में सामाजिक दूरी के दावों का मज़ाक बनता नज़र आया। बरेली, आगरा, वाराणसी, जौनपुर, गोरखपुर, लखनऊ, मेरठ आदि जिलों से भी ऐसी ही तस्वीरें आयी है।
लापरवाही का आलम इस कदर था कि प्रयागराज में कोविड जांचसेन्टर को ही परीक्षा केंद्र बना दिया गया। झूँसी स्थिति गांधी इंटर कॉलेज में कोविड/फ्लू क्लीनिक बनाया गया है लेकिन 9 अगस्त को इस क्लीनिक को परीक्षा केंद्र में तब्दील कर दिया गया।
गृह जनपद और परीक्षा केंद्र के बीच दूरी के चलते कई परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा छोड़ दिया। सोनभद्र के रहने वाले अनिल विश्वकर्मा कहते हैं कि ‘बहुत दूर सेंटर होने के कारण मैंने अपना पेपर छोड़ दिया। कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के दौरान पेपर कराना शर्म की बात है, मन बहुत दुखी हैं। हमारे जैसे और बहुत से छात्रों ने परीक्षा छोड़ दिया होगा, कुछ कोरोना के भय से, कुछ पैसे के अभाव। ऐसे बहुत से कारण हैं जिसकी जिम्मेदार उत्तर प्रदेश सरकार है।’
एक महिला अभ्यर्थी का कहना है कि मेरी एक तीन महीने की बेटी है और मैंने एक परीक्षा के लिए अपनी जिंदगी जोखिम में नहीं डालने का फैसला किया है। लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही एक निजी टैक्सी को किराए पर लेना और भीड़-भाड़ वाले परीक्षा केंद्र पर जाना परेशानी का सबब बन सकता है।
बीएड प्रवेश परीक्षा संपन्न होने के बाद अब सूबे में 16 अगस्त को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की खंड शिक्षा अधिकारी की परीक्षा प्रस्तावित है। बीएड प्रवेश परीक्षा के हालात देखने के बाद बीईओ परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों में भय का माहौल है। इस परीक्षा में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। इन अभ्यर्थियों में कुछ ऐसे भी अभ्यर्थी हैं जो कोरोना पॉजिटिव हैं और कुछ अभ्यर्थी होम आइसोलेशन में हैं। अभ्यर्थी मनोज कुमार मिश्रा खंड शिक्षा अधिकारी परीक्षा के परीक्षार्थी हैं लेकिन दुर्भाग्यवश वो कोरोना पॉजिटिव है और होम आइसोलेशन में है।
एक अन्य अभ्यर्थी शैलेष कुमार (बदला हुआ नाम) भी कोरोना पॉजिटिव है और इस समय उनका इलाज चल रहा है, उनके घर के भी कई सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं। ऐसे में 16 अगस्त को प्रस्तावित खंड शिक्षा अधिकारी की परीक्षा देने में शैलेष असमर्थ हैं तथा उनको बीमारी के साथ साथ अब भविष्य का भी डर सताने लगा है। बतौर शैलेष “आयोग से इतनी गुजारिश थी कि अगर परीक्षा कोरोना में ही करानी थी तो परीक्षा केंद्र चयन करने का तो मौका देते ताकि छात्र अपने गृह जनपद का चयन कर सकते। इस महामारी और बेरोजगारी में खाने के लाले पड़े हैं, अगर कोरोना से जंग जीत भी ली परीक्षा केंद्र इतनी दूर बनाये हैं कि घर वालों से पैसा मांगने में भी सोचना पड़ेगा।”
इसी तरह अभिषेक कुमार वैश्य, बिरज कुमार पांडेय कोरोना पॉजिटिव हैं और होम आइसोलेशन में हैं। ऐसी स्थिति में उनके भविष्य के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। सरकार को इन सब परिस्थितियों का भी आकलन करना चाहिए जिससे किसी भी अभ्यर्थी का भविष्य संकट में न पड़ जाए।
इस संबंध में कई पूर्व अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं, कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने या अभ्यर्थियों को नजदीकी परीक्षा केंद्र को एलॉट करने की मांग की है। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर खंड शिक्षा अधिकारी की परीक्षा को स्थागित करने की मांग की है।
इसी तरह भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट दाखिल की है जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी की परीक्षा के साथ-साथ अगस्त माह में होने वाली अन्य सभी परीक्षाओं को भी स्थगित करने की मांग की है। कौशल सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण की इस भीषण महामारी और लॉकडाउन के दौरान लाखों छात्रों के जीवन से खेलने का काम किया जा रहा है। उनका कहना है कि जहाँ एक तरफ सरकार अनलॉक 3 की गाइडलाइंस में कहती है कि 31 अगस्त तक सभी तरह के शैक्षिक कार्य बंद रहेंगे और वहीं दूसरी तरफ सरकार सूबे में इतनी बड़ी परीक्षा आयोजित करने जा रही है, यह परीक्षार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। सरकार का कहना है कि किसी भी आयोजन में अधिकतम 50 लोग शामिल हो सकते हैं लेकिन परीक्षा में तो हर एक केंद्र पर 500 से अधिक छात्र उपस्थिति होंगे और इस परीक्षा में तो 5 लाख परीक्षार्थियों के लिए सिर्फ 18 परीक्षा केंद्र है, यह सरकार अपनी खुद के गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रही है।
समस्त प्रतियोगी छात्रों एवं अभिवावकों की तरफ से भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर परीक्षा स्थगित करने की मांग की गयी है। जिसमे कोरोना के कारण हो रही परेशानियों को आधार बताकर परीक्षा स्थगित करने का निवेदन किया गया है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी के अलावा अन्य कई परीक्षाओं को भी स्थगित करने की मांग की जा रही है जिसमे 24 अगस्त से होने वाली बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा भी शामिल है। बीएचयू की प्रवेश परीक्षाएं दो चरणों में होंगी। पहले चरण की परीक्षाएं 24 अगस्त से 31 अगस्त तक होंगी वहीं दूसरे चरण की परीक्षाएं 9 सितंबर से 14 सितंबर तक होंगी। पहले चरण में बीएचयू सभी परास्नातक कोर्सों जैसे, एलएलबी, बीएड, बीपीएड, बीएफए और बीपीए के लिए परीक्षाएं होंगी। वहीं दूसरे चरण में स्नातक कार्यक्रमों जैसे- बीए (Hons), बीकॉम (Hons), बीकॉम — FMM, बीएससी (Hons), बीए एलएलबी (5 years), बीएससी (Hons) मैथमैटिक्स, बीएससी बायोलॉजी, शास्त्री (Hons) और विभिन्न वोकैशनल कार्सों के लिए परीक्षाएं होंगी। दूसरे चरण की परीक्षाएं 9 सितंबर से 14 सितंबर 2020 तक होंगी।