उत्तर प्रदेश

UP में हर चौथी सीट पर वोटों की हेराफेरी, EVM में जितने वोट पड़े उससे कम या अधिक गिने गए

ईवीएम से चुनाव को लेकर आशंकाएं तो बहुत समय से उठ रही थीं, मगर चुनाव बाद यह आशंका मजबूत होती चली जा रही है। ऐसा राजनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि चुनाव आयोग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों में फर्क के कारण होता दिख रहा है। ईवीएम में जितने वोट पड़े और जितने वोट ईवीएम से गिने गये, उनमें सामने आ रहे फर्क जानकर आप भी चौंक जाएंगे। इस फर्क के मायने क्या हैं? क्यों चंद सीटों पर ऐसी हैरतअंगेज बातें हुई हैं? कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा? चुनाव आयोग ऐसे मामलों में क्या रुख रखने वाला है? राजनीतिक दल इस पर कैसी प्रतिक्रिया देने वाले हैं? ये तमाम सवाल ही आने वाले समय में दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में चुनाव की पवित्रतता को बचाए रखने का जवाब दे सकेंगे।

आलोच्य रपट में सिर्फ उत्तर प्रदेश पर गौर किया गया है। चुनाव आयोग ने वोटरों से वोटर टर्नआउट एप डाउनलोड करने को कहा था जिससे हर चरण में कितने वोट पड़े, इसकी जानकारी देश का हर नागरिक ले सकता था। आज की स्थिति में भी इस वोटर टर्नआउट एप पर सातवें चरण के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। जो 6 चरण के आंकड़े उपलब्ध हैं उन्हें देखकर जब सीटवार वेबसाइट में चुनाव नतीजों के आंकड़े से हम मिलान कर रहे हैं तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।

पहले चरण में 11 अप्रैल को जिन सोटों पर उत्तर प्रदेश में वोट डाले गये उनकी संख्या 8 थी। इन 8 सीटों में से मेरठ और गौतमबुद्धनगर दो ऐसी सीटें रहीं जहां ईवीएम में जितने वोट पड़े, उससे अधिक की गिनती कर ली गयी। चौंकिए नहीं। आप नीचे टेबल पर नज़र डालें। मेरठ में 12 लाख 11 हज़ार 968 वोट ईवीएम में पड़े थे जैसा कि चुनाव आयोग का टर्न आउट ऐप बता रहा है। वहीं चुनाव आयोग की साइट के मुताबिक मेरठ लोकसभा सीट में ईवीएम में गिने गये वोटों की संख्या 12 लाख 12 हज़ार 76 है। यानी 108 वोटों का फर्क।

गौतमबुद्ध नगर में भी इसी तर्ज पर 12 लाख 89 हज़ार 602 वोट पड़े थे मगर गिनती के वक्त इसमें 12 लाख 89 हज़ार 655 वोट पाए गए। 53 वोट कैसे बढ़ गये, यह रहस्यमय है। 

गौर करने वाली बात ये है कि बाकी सीटों पर बिल्कुल सही मिलान हो रहा है। यह बात साफ कर देना भी जरूरी है कि बैलेट पेपर के जरिए डाले गये वोटों की गिनती अलग से की गयी है और उसकी इन आंकड़ों के मिलान में कोई भूमिका नहीं है।

पहला चरण : डाले गये और गिने गये वोटों में अंतर

लोकसभा सीट           EVM में वोट                गिने गये वोट              वोट अंतर

मेरठ                     1211968                  1212076                 108

गौतमबुदधनगर          1389602                  1389655                 053

दूसरे चरण में भी उत्तर प्रदेश में 8 सीटों पर ही मतदान हुआ था। इस चरण में केवल बुलन्दशहर की सीट ऐसी रही जहां डाले गये ईवीएम वोट और गिने गये ईवीएम वोट में फर्क देखा गया। यहां 11 लाख 18 हज़ार 187 वोट ईवीएम में डाले गये थे। जब गिनती हुई तो ईवीएम में 255 वोट अधिक गिने गये। कुल गिने गये वोटों की संख्या 11 लाख 18 हज़ार 442 रही।

दूसरा चरण : डाले गये और गिने गये वोटों में अंतर

लोकसभा सीट                                    EVM में वोट                                 गिने गए वोट                           वोट अंतर

बुलन्दशहर                                        1118187                                  1118442                              255

उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को 10 सीटों पर मतदान हुआ। इनमें से तीन सीटें फिरोजाबाद, एटा और बदायूं ऐसी रहीं जहां ईवीएम में हुई वोटों की गिनती और ईवीएम  में पड़े वोटों के बीच फर्क देखा गया। फिरोजाबाद में 10 लाख 72 हज़ार 361 वोट ईवीएम में पड़े। यह आंकड़ा चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट एप के मुताबिक है। जब वोटों की गिनती हुई तो ईवीएम में 10 लाख 72 हज़ार 480 वोट पाए गये। यह आंकड़ा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सीटवार आंकड़ों के मुताबिक है। इस तरह फिरोजाबाद में 119 वोटों का फर्क देखने को मिला।

एटा में 9 लाख 97 हज़ार 677 वोट ईवीएम में पड़े और ईवीएम में ही गिने गये वोटों की संख्या 9 लाख 97 हज़ार 853 रही। यानी 176 वोट अधिक गिने गये।

बदायूं का उदाहरण इस मायने में अलग है कि यहां डाले गये वोट से गिने गये वोट कम रहे। हालांकि संख्या बहुत छोटी है महज 3. फिर भी प्रश्न आंकड़े का नहीं है, प्रश्न है कि जब ईवीएम हर तरह से दुरुस्त है, इसमें कोई छेड़छाड़ हैकिंग, स्वैपिंग जैसी बात नहीं हुई है तो आंकड़ों में फर्क कैसे पैदा हो सकता है। बदायूं में 10 लाख 79 हज़ार 101 वोट पड़े थे। यहां जब वोटों की गिनती हुई है तो ईवीएम में 10 लाख 79 हज़ार 98 वोट गिने गये। 

तीसरा चरण : डाले गये और गिने गये वोटों में अंतर

लोकसभा सीट          EVM में वोट         गिने गये वोट              वोट अंतर

फिरोजाबाद             1072361           1072480                119

एटा                      997677            997853                  176

बदायूं                    1079101           1079098                -3

उत्तर प्रदेश में चौथे चरण में 13 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गये थे। इनमें से 4 लोकसभा सीटों पर ईवीएम में पड़े वोट और गिने गये वोटों में फर्क देखने को मिल रहा है। 

कन्नौज में 11 लाख 37 हज़ार 254 वोट ईवीएम में पड़े, जबकि 11 लाख 37 हज़ार 100 वोट गिने गये। इस तरह 154 वोट कम गिने गये।

कानपुर में भी 1233 वोट कम गिने गये। यहां 8 लाख 39 हज़ार 486 वोट ईवीएम में पड़े। इनमें से 8 लाख 38 हज़ार 253 वोट ईवीएम में गिने गये। 

अकबरपुर में 10 लाख 18 हज़ार 494 वोट ईवीएम में डाले गये थे। गिनती के समय ईवीएम में 10 लाख 19 हज़ार 142 वोट पाए गये। इस तरह 648 वोट गिनती के वक्त बढ़ गये।

जालौन में भी गिनती के वक्त 540 वोट बढ़ गये। यहां 11 लाख 26 हज़ार 243 वोट डाले गये थे। ईवीएम में जो वोट गिने गये उनकी संख्या 11 लाख 26 हज़ार 783 रही।

चौथा चरण : डाले गये और गिने गये वोटों में अंतर

लोकसभा सीट        EVM में वोट                गिने गये वोट                वोट अंतर

कन्नौज                 1137254                  1137100                    -154

कानपुर                839486                    838253                     -1233

अकबरपुर             1018494                  1019142                    648

जालौन                 1126243                   1126783                    540

पांचवें चरण में 14 सीटों पर मतदान हुआ। इनमें रायबरेली समेत 3 सीटें ऐसी रहीं जहां ईवीएम में पड़े वोट और गिने गये वोटों में फर्क देखने को मिला। 

मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर 12 लाख 63 हज़ार 936 वोट ईवीएम में पड़े। गिनती के वक्त इनमें से 554 वोट घट गये। 12 लाख 63 हज़ार 382 वोट ही ईवीएम में मिले। वोट घटने का यह मामला निश्चित रूप से संदिग्ध है और कई सवालों को जन्म देता है।

रायबरेली की प्रतिष्ठित सीट पर 519 वोटों का फर्क पड़ा। यहां 9 लाख 54 हज़ार 802 वोट ईवीएम में पड़े। गिनती के समय ईवीएम से निकले वोटों की संख्या 9 लाख 55 हज़ार 321 पायी गयी। 

इसी तरह बाराबंकी में 11 लाख 54 हज़ार 484 वोट डाले गये। गिने गये वोटों की संख्या ईवीएममें रही 11 लाख 54 हज़ार 818. इस तरह 334 वोट अधिक गिन लिए गये।

पांचवां चरण : डाले गये और गिने गये वोटों में अंतर

लोकसभा सीट              EVM में वोट           गिने गये वोट              वोट अंतर

मोहनलालगंज               1263936             1263382               -554

रायबरेली                    954802               955321                  519

बाराबंकी                    1154484             1154818                 334

छठे चरण में 12 मई को उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर मतदान हुआ। इनमें फूलपुर, जौनपुर और मछली शहर में ईवीएम में पड़े वोट और गिनती के वक्त गिने गये वोटों का मिलान नहीं हो पा रहा है। फूलपुर की प्रतिष्ठित सीट पर 9 लाख 73 हज़ार 818 वोट डाले गये थे। गिनती के समय ईवीएम में 508 अधिक मिले। गिने गये वोटों की संख्या रही 9 लाख 74 हज़ार 326.

जौनपुर में 10 लाख 38 हज़ार 478 वोट ईवीएम में पड़े थे। चुनाव आयोग की वेबसाइट वोटर टर्न आउट के अनुसार यह आंकड़ा है। जब गिनती हुई तो यह 10 लाख 38 हज़ार 560 पायी गयी। इस तरह से 82 वोटों की गिनती अधिक पायी गयी।

मछलीशहर का आंकड़ा चौंकाने वाला है। यहां 10 लाख 27 हज़ार 484 वोट डाले गये। गिनती के समय यह संख्या 10 लाख 32 हज़ार 111 पायी गयी। इस तरह से 4 हज़ार 627 वोट का फर्क साफ तौर पर देखा गया। मछली शहर में बीजेपी ने बीएसपी पर महज 181 वोटों से जीत दर्ज की है। ऐसे में समझा जा सकता है कि जितने वोट  डाले गये उससे साढ़े चार हज़ार से अधिक वोटों का बढ़ जाना बहुत चौंकाने वाली बात है। 

छठा  चरण : डाले गये और गिने गये वोटों में अंतर

लोकसभा सीट            EVM में वोट           गिने गये वोट                 वोट अंतर

फूलपुर                    973818               974326                   508

जौनपुर                    1038478             1038560                  82

मछलीशहर                1027484            1032111                   4627

ईवीएम में पड़े वोट गिनते वक्त अधिक हो जाएं या कम, दोनों बात संदेह पैदा करती है। यह संदेह इसलिए अधिक है क्योंकि बाकी सीटों पर बिल्कुल परफेक्ट मैचिंग हो रही है। 6 चरण में उत्तर प्रदेश की 67 सीटों पर हुए मतदान में अगर 16 पर ऐसे संदिग्ध परिणाम आ रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि हर चौथी सीट पर मामला संदिग्ध है। क्या इसी तर्ज पर देश के बाकी हिस्सों में भी ईवीएम में पड़े वोट और गिने गये वोटों में फर्क है? अगर है, तो मामला बहुत बड़ा है। यहीं से ईवीएम के दुरुपयोग के सवाल, आशंकाएं और जांच सबकुछ शुरू की जा सकती है। 2019 के पूरे आम चुनाव पर ही सवाल पैदा हो गया है।

साभार- जनचौक.कॉम

द फ्रीडम स्टॉफ
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