योगी सरकार के सत्ता में आते ही सरकारी इमारतों, स्कूलों और बसों को भगवा रंग में रंगने का सिलसिला भी शुरू हुआ. इसी क्रम में हमीरपुर में सरकारी इमारतों और स्कूलों के आलावा एक शौचालय को भी भगवा रंग में रंग दिया गया. इसके बाद जो हुआ वह चौंकाने वाला था. टॉयलेट की बनावट व भगवा रंग होने की वजह से वहां से होकर गुजरने वाले लोग इसे मंदिर (Temple) समझकर प्रणाम तक करने लगे. यह सिलसिला एक साल तक चला. जैसे ही यह खबर पूरे कस्बे में फैली तो नगर पालिका के अधिकारियों ने टॉयलेट का रंग भगवा से बदलकर गुलाबी कर दिया.
मामला हमीरपुर जिले के मौदहा सीएचसी का है, जहां नगर पालिका ने एक साल पहले शौचालय का निर्माण करवाया था. इस शौचालय को नगर पालिका और सीएचसी के ठेकदारों ने भगवा रंग में रंग दिया था. इसका उद्घाटन बाकायदा मौदहा एसडीएम अजीत परेश और चेयरमैन रामकिशोर ने किया था, लेकिन दूर से यह शौचालय भगवा रंग की वजह से मंदिर के जैसा दिखाई देता था. ऐसे में सीएचसी में पहुंचने वाले लोग व मरीज इस शौचालय को मंदिर समझकर प्रणाम करने लगे, लेकिन गांव के लोगों को यह नहीं पता होता था कि यह शौचालय है. जब वह पास से देखते थे तो शौचालय देख हंसी का पात्र भी बनते थे. यही सिलसिला एक साल तक चलता रहा.
उधर जब भगवा रंग की वजह से शौचालय को मंदिर समझने की बात सामने आई तो नगर पालिका के चेयरमैन ने शौचालय का रंग बदलवा दिया. जिससे अब वह शौचालय जैसा दिखाई देने लगा है. नगर पालिका के चेयरमैन रामकिशोर ने कहा कि इस टॉयलेट का निर्माण एक साल पहले करवाया गया था. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही की वजह से इसका रंग भगवा कर दिया गया. जिससे लोग धोखे से मंदिर समझकर प्रणाम करने लगे. जब इसकी सूचना मिली तो मैंने इसका निरीक्षण किया और इसका रंग गुलाबी करवा दिया गया है.