मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं। हमने विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर के शतक देखे हैं, लेकिन अब हम पेट्रोल और डीजल के शतक देख रहे हैं। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन लगाने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन लगाने की हमारी कोई इच्छा नहीं है। मैंने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को कहा कि “मास्क पहनें और लॉकडाउन को ना कहें। गौरतलब है कि देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा हुआ है। इसके विरोध में कई सियासी दलों के नेता केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
इधर, रविवार को पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इससे पहले शनिवार को पेट्रोल में 24 पैसे और डीजल में 15 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। रविवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये प्रति लीटर रही। वहीं, डीजल 81.47 रुपये प्रति लीटर पर बिका। नौ फरवरी से पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला चल रहा है। तब से पेट्रोल नई दिल्ली में 4.22 रुपये और डीजल 4.34 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। इस वर्ष पहली जनवरी से अब तक इन दोनों ईधनों के दाम में 21 बार बढ़ोतरी हो चुकी है। देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर का स्तर पार कर गया है।
इस बीच, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार ने इनकी कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना अच्छा कदम होगा।उद्योग संगठन फिक्की के एफएलओ सदस्यों से बात करते हुए सुब्रमणियन ने कहा कि पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। ऐसा करना अच्छा होगा। हालांकि इस संबंध में फैसला जीएसटी काउंसिल को ही करना है। ईधन की बढ़ती कीमतों से आम जनता पर बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत भी मुद्दा बन सकती है।