एजेंसी: पाकिस्तान में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला दो ईसाई नर्सो का है, इन दोनों को ही ईशनिंदा का दोषी मानकर गिरफ्तार किया गया है। यही नहीं इन दोनों नर्सो पर चाकू से हमला करने की कोशिश की गई। पुलिस जब वाहन में ले जाने लगी तो उस पर भी हमला किया। दर्ज एफआइआर के मुताबिक दोनों नर्सो के नाम मरियम लाल और नेविश अरुज है। दोनों फैसलाबाद जिले के अस्पताल में काम करती हैं। हॉस्पीटल के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मुहम्मद अली ने शिकायत दर्ज कराई है।
इन पर आरोप है कि दोनों ने वार्ड में एक स्टिकर पर लिखी कुरान की आयतों को वहां से हटा दिया। डा. मुहम्मद ने बताया कि दोनों नर्सो के खिलाफ बनाई गई समिति ने उनके अपराध करने की पुष्टि कर दी है। इन दोनों ही नर्सो के खिलाफ हॉस्पीटल कर्मचारियों और स्थानीय मौलवियों ने प्रदर्शन किया। पाक में झूठे ईशनिंदा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन स्थितियों में पीडि़त मॉब लिचिंग का भी शिकार हो रहे हैं। इस मामले में भी यही हुआ। यहां कुछ लोगों ने पुलिस की उस वैन पर भी हमला कर दिया, जिसमें नर्स गिरफ्तार कर ले जाई जा रही थीं।
यहां बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए दंगा निरोधक पुलिस को बुलाना पड़ा। इंटरनेशनल क्रिश्चियन कंसर्न (आइसीसी) ने मामले को पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा बताया है। संस्था का कहना है कि हेड नर्स रुखसाना दोनों नर्सों से नफरत करती थी, इसलिए झूठा मामला बनाया गया है। पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन ने इस मामले में नर्सो के साथ हिंसा करने वालों की निंदा की है।