रायबरेली: ऋग्वेद में कहा गया है कि जो आदमी एक पेड़ लगाता है वो मानवता को एक स्थायी उपहार दे रहा है। मौजूदा दौर में शादी और जन्मदिवस जैसे मौकों पर जहां लोग दिखावे की चीजों पर पैसा व्यय करता नजर आते हैं वहीं रायबरेली के डलमऊ में एक अनोखी विचार धारा देखने को मिली। अक्सर आपने केक काट कर शादी की साल गिरह (वर्षगाँठ) मनाते हुए तो सुना होगा। लेकिन यहाँ एक जोड़े ने अनोखे तरीके से अपनी शादी की वर्षगाँठ का जश्न मनाया। अपनी शादी की वर्षगांठ पर समाजसेवी और पर्यावरणविद् राजेंद्र वैश्य और सुमन वैश्य ने पीपल और बरगद जैसों वृक्षों को रोपित कर समाज को एक संदेश देने की कोशिश की।
द फ्रीडम न्यूज़ से बात करते हुए राजेंद्र और सुमन कहते हैं कि वह हर वर्ष अपनी शादी की वर्षगांठ पर वृक्षारोपण करते हैं और इस बार उनकी 33वीं वर्षगांठ है। राजेंद्र कहते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पृथ्वी हर आदमी की जरूरतों को पूरा करती है लेकिन लालच नही। एक अफ्रीकी कहावत एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि पृथ्वी हमें अपने पूर्वजों से विरासत में नहीं मिली बल्कि यह हम पर हमारे बच्चों का उधार है। बड़ा मठ-डलमऊ के स्वामी दिव्यानंद गिरि जी महाराज इस काम की सराहना करते हुए कहते हैं कि वृक्षारोपण हर आदमी के लिए पृथ्वी की देखभाल हेतु जिम्मेदारी का एहसास करने का नुमाइंदा बनने का अवसर है। पर्यावरण प्रेमी इस युगल के इस पुनीत कार्य मे नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौर, वैश्य समाज के जिला अध्यक्ष रामगोपाल वैश्य, सोशल एक्टिविस्ट विनीत त्रिवेदी, सन्दीप अग्रहरि, सन्दीप मिश्रा, ओम नारायण गुप्ता, अनिल अग्रहरि, शिवबरन राना यादव आदि समेत कई लोग साक्षी बने।