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तेजप्रताप ने लगाया जनता दरबार, कहा- मौका मिलेगा तो बेहतर ढंग से चलाऊंगा पार्टी

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने सोमवार (24 दिसंबर) को पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाया और लोगों की समस्याएं सुनी। इस दौरान उन्होंने लोगों को समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया तथा नीतीश सरकार पर निशाना साधा। तेजप्रताप ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की समस्याएं सुनना जरूरी है। एबीपी न्‍यूज पर दिखाई गई तस्‍वीरों के अनुसार, तेजप्रताप ने जनता दरबार के लिए लालू यादव का चैंबर चुना।

बेहतर ढंग से पार्टी को चलाएंगे

हालांकि बाद में सफाई देते हुए उन्‍होंने कहा कि वह पिता की कुर्सी पर नहीं बैठे। पार्टी पर कब्‍जे से जुड़े सवाल पर तेजप्रताप ने कहा कि “पार्टी पर कब्‍जा कौन करेगा? ऐसा सवाल ही नहीं पैदा होता, ये सब गलत बात है।” मीडिया से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि अगर उन्‍हें राजद की कमान संभालने का मौका मिला तो वह इस भूमिका को जरूर निभाएंगे। तेजप्रताप ने कहा कि वह बेहतर ढंग से पार्टी को चलाएंगे।

लालू प्रसाद के काम को ही आगे बढ़ा रहे

तेजप्रताप ने कहा कि वह लालू प्रसाद के काम को ही आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अलग-अलग जिलों में भी वह जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उसके निदान का उपाय करेंगे। तेजप्रताप ने कहा, “सभी लोग राजनीति में लगे हुए हैं और ‘सुशासन बाबू’ के राज में जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। उनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है।”

राजद नेता ने कहा कि जनता का सेवक होने के नाते उनकी समस्याओं को सुनना और उसका निराकरण करना उनका दायित्व है। जनता दरबार का समय दिन में 10 बजे दिन से दो बजे तक रहेगा। वे प्रतिदिन चार घंटे राजद प्रदेश कार्यालय में उपस्थित रहेंगे।

फिर राजनीति में सक्रिय

कुछ दिनों तक राजनीति से दूर रहने के बाद 22 दिसंबर को ही तेजप्रताप ने ट्वीट कर पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी। तेजप्रताप ने हाल ही में रांची जाकर अपने पिता लालू प्रसाद से मुलाकात की थी। चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू का न्यायिक हिरासत में इलाज चल रहा है। पटना की एक अदालत में नवंबर महीने में तेजप्रताप ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक लेने की अर्जी दी है, जिसके बाद वह वृंदावन चले गए थे। इसके बाद यहां कयास लगने लगा था कि तेजप्रताप अब राजनीति से दूर रहेंगे। परंतु वह एकबार फिर राजनीति में सक्रिय हो गए हैं।

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