कार्ल मार्क्स ने अगर कहा है –धर्म मनुष्यों के लिए अफीम है ,तो कुछ यों ही नहीं कह दिया है| धर्म की अफीम के नशे में भूले लोगों का शोषण हम देख रहे हैं ।हम गिरोह -के -गिरोह, संगठन-के-संगठन ‘अफ़ीमचियों’ के कारनामे देखते रहते हैं ।मगर का यह आखिरी वाक्य है ।इसके पहले उन्होंने धर्म […]