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हेल्पऐज इंडिया का सर्वे, बुजुर्गों से बुरे बर्ताव में सबसे आगे है मैंगलुरु फिर दिल्ली, अहमदाबाद और अमृतसर टॉप पांच शहरों में

नई दिल्ली : भारत पंरपराओं का देश है। भारत सभ्यताओं का देश है। भारत रिश्तों का देश है, ना जाने क्या क्या हम शान में कसीदे कढ़ते हैं। पर हम अपने बुजुर्गों की इज्जत नहीं कर पा रहे हैं। वह बुजुर्ग जिन्होंने हमें जीवन की शिक्षाएं दी और जिंदगी के यथार्थ से रूबरू करवाया। एक ताजा सर्वे के अनुसार बुजुर्गो से सर्वाधिक बदसलूकी करने वाले भारत के पांच प्रमुख शहरों में दिल्ली भी शामिल है। यहां 33 फीसद वृद्ध आबादी के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। देश के कुल 23 शहरों में किए गए इस सर्वे के मुताबिक बड़ों से बदसलूकी करने में बहुओं से कहीं आगे बेटे हैं।

गैर सरकारी संगठन हेल्पेज इंडिया ने गुरुवार को अपना सर्वे जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक मैंगलुरु (47 फीसद) में वृद्ध जनों के साथ सबसे अधिक खराब बर्ताव होता है। इसके बाद अहमदाबाद (46 फीसद), भोपाल (39 फीसद) और अमृतसर (35 प्रतिशत) होता है।  इस शोध में यह समझने की भी कोशिश की गई कि बुजुर्गो के साथ बुरे बर्ताव के प्रकार, दोहराव और कारण क्या हैं। इसमें पाया गया कि करीब एक-चौथाई बुजुर्ग आबादी ने व्यक्तिगत तौर पर और कई दफा बदसलूकी का सामना किया है। अकसर उनके साथ सबसे गलत व्यवहार करने वाले या तो उनके बेटे (52 फीसद) और या फिर उनकी बहुएं (34 फीसद) होती हैं।

हेल्पेज इंडिया के सीईओ मैथ्यू चेरियन ने कहा कि दुर्भाग्यवश इन बुजुर्गो से खराब बर्ताव की शुरुआत घर से ही होती है। उन्हें वही लोग सबसे अधिक सताते हैं जिन पर वह सबसे अधिक भरोसा करते हैं। इस रिपोर्ट में एक और नई बात सामने आई है।

नहीं करते बुरे बर्ताव की शिकायत
रिपोर्ट के मुताबिक सताए गए 82 फीसद बुजुर्ग अपने साथ हुए बुरे बर्ताव की शिकायत ही नहीं करते है। वह इस मामले को या तो पारिवारिक मामला मानते हुए दुनिया से छिपाना चाहते हैं। अन्यथा 34 फीसद पीडि़त बुजुर्गो को पता ही नहीं होता कि इस समस्या से निपटना कैसे है। इसका कारण उनका इस विषय में जानकारी की कमी होना है।

300 बुजुर्ग शुक्रवार को करेंगे कैंडिल मार्च
हेल्पेज इंडिया के चीफ आपरेटिंग अफसर रोहित प्रसाद ने बताया कि बुजुर्गों के प्रति बुरे बर्ताव को रोकने के लिए यह संगठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 300 बुजुर्गो के साथ शुक्रवार को संसद मार्ग पर मोमबत्ती जलाकर पदयात्रा करेगा। उन्होंने बताया कि सर्वे में भाग लेने वाले वृद्ध जनों का मानना है कि बच्चों को संवेदनशील बनाकर और पीढि़यों के बीच रिश्तों को मजबूत करके आगे बढ़ा जा सकता है। 38 फीसद बुजुर्गो का मानना है कि बच्चों में बुजुर्गो के प्रति संवेदना जगाने से इसका अच्छा प्रभाव होगा।

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