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40 बार असफल हुए लेकिन फिर भी कम नहीं हुआ हौंसला, ऐसे बने IRS अफसर

आज हम आपको IRS अफसर अवध किशोर पवार के सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। अवध किशोर पवार ने कम से कम 40 बार परीक्षा दी है और फेल हुए हैं, लेकिन एक दिन अपनी पूरी मेहनत से देश की सबसे मुश्किल परीक्षा माने जाने वाली UPSC को पास कर ही लिया और आज IRS अफसर की कुर्सी पर बैठे हैं। अपने बारे में बात करते हुए अवध किशोर पवार बताते हैं कि जब भी वो किसी रिक्शा चलाने वाले के बेटे ने UPSC की परीक्षा के लिए तैयारी, या पास होते हुए या उसे इंटरव्यू देते हुए देखा करते थे को उससे काफी प्रभावित होते थे। साथ ही काफी प्रेरित भी होते थे।

अवध किशोर पवार बताते हैं कि वो शुरुआत से ही Civil services की परीक्षा देना चाहते थे। एक दिन उन्होंने देखा कि एक गरीब परिवार का लड़का इस परीक्षा को पास कर चुका है तो उन्होंने सोचा वो क्यों नहीं कर सकते। इन्हीं सब चीजों को देखते हुए अवध किशोर पवार ने अपनी नौकरी छोड़ दी और लग गए UPSC की तैयारियों में। उन दिनों अवध मुंबई के गोदरेज में नौकरी किया करते थे। नौकरी छोड़ने के बाद अवध ने देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें। अवध किशोर पवा बताते हैं कि वो हिंदी मीडियम बैकग्राउंड से आते हैं। ऐसे में उनको स्टडी मटीरियल को ढूंढने में काफी मेहनत और परेशानी का सामना करना पड़ता है।

UPSC की तैयारी के लिए छोड़ दी अच्छी-खासी नौकरी
इसके बाद अवध किशोर पवार तैयारी के लिए मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो गए, लेकिन अवध इस बात को अच्छे से जानते थे UPSC की परीक्षा की तैयारी करना और परीक्षा को पास कर पाना इतना आसान नहीं है। इस बीच में उनको कई मुश्किल चीजों का सामना करना होगा। इस बारे में सोचते हुए ही अवध किशोर पवार ने बैकअप की पूरी योजना बना रखी थी और इस परीक्षा के साथ-साथ वो कई और परीक्षाओं के लिए आवेदन कर चुके थे। अवध आगे बताते हैं कि UPSC के क्राइटेरिया के अनुसार एक साल में ये परीक्षा एक ही बार दे सकते हैं। अगर कोई परीक्षा पास नहीं होती, तो पूरा साल बर्बाद हो जाता है। इसलिए मैंने अन्य परीक्षाओं के लिए भी अपने स्किल्स को इंप्रूव किया।

40 परीक्षा में असफल रहे हैं फिर भी हार नहीं मानी
अवध किशोर पवार बताते हैं कि उन्होंने बैंकिंग और राज्य प्रशासन सेवाओं सहित लगभग 40 परीक्षाओं दी लेकिन सभी में असफल ही रहे, इसी के साथ चार प्रयासों में UPSC को भी क्लियर नहीं कर पाए थे, अवध बताता है कि मैं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र से आता हूं। जहां नौकरी के लिए गांव के बाहर जाना काफी दूर की बात मानी जाती है। इसलिए सिविल सेवाओं में शामिल होना बहुत बड़ी बात थी। अवध किशोर पवार आगे बताते हैं कि छोटे गांव से आने वाले लोग असफलता से डरते नहीं हैं। इसलिए मुझे इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा कि वो इतनी सारी परीक्षाओं में फेल हो चुके हैं।

अवध किशोर पवार ने आगे बताया कि मैंने अपनी कई गलतियों से काफी कुछ सीखा है, फिर एक दिन ऐसा भी आया कि अवध किशोर पवार ने अपनी कड़ी मेहनत सफल हुए। उन्होंने साल 2015 में UPSC परीक्षा में 657 रैंक हासिल की थी। ये उनका पांचवा प्रयास था। इसके बाद अवध किशोर पवार उन लोगों के लिए मिसाल बन गए, जो लोग किसी भी परीक्षा में एक बार फेल हो जाने के बाद हार मान लेते हैं। अवध ने बताया कि इस परीक्षा के लिए फोकस जरूरी है, लेकिन मैंने कुछ गलतियां भी कीं। मैंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन को एक ऑप्शनल विषय के बजाय एक विषय के रूप में लिया, जिसमें मुझे महारत हासिल थी।

पांचवें प्रयास में अवध ने हासिल की सफलता
इसके साथ ही अवध किशोर पवार बताते हैं कि किसी ऐसे विषय का चयन करना जो आपने पहले से ही अध्ययन किया है या पसंद है। आपकी पढ़ाई के दबाव को कम कर सकता है। मैं आखिर में हिंदी साहित्य में आ गया और अपने पांचवें प्रयास में अखिल भारतीय 657 रैंक हासिल करने में कामयाब रहा। अवध किशोर पवार ने बताया कि मैंने अपने चौथे प्रयास तक जनरल स्टडी के लिए किसी भी कोचिंग सेंटर को ज्वाइन नहीं किया था। मैंने सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया न कि ऐसे व्यक्ति पर जिनके पास काफी अनुभव है।

द फ्रीडम स्टॉफ
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