विभोर मिश्रा, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सौ करोड़ से अधिक का घपला करने वालों पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ का शिंकजा लगातार कसता जा रहा है। प्रदेश में पशुपालन घोटाले में सात लोगों की गिरफ्तारी तथा दो आइपीएस अफसरों के निलंबन के बाद शनिवार को इसी घोटाले से जुड़ा जालसाज भी गिरफ्त में आ गया। इसी के साथ गरीबों को बड़ा लाभ दिलाने के एवज में उनके करोड़ों रुपया का वारा-न्यारा करने वाला हरिओम यादव उत्तर प्रदेश एसटीएफ की पकड़ में आ गया है।
लखनऊ में पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों के घोटाले में एसटीएफ ने एक और गिरफ्तारी की है। एसटीएफ ने खुद को पत्रकार बताने वाले संतोष मिश्रा को गिरफ्तार किया है। करोड़ों के टेंडर घपलेबाजी में अन्य शातिरों के साथ शामिल जालसाज संतोष मिश्रा फरार चल रहा था। यूपी एसटीएफ ने पत्रकार बनकर घोटाले में शामिल जालसाज संतोष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। संतोष मिश्रा खुद को न्यूज चैनल का पत्रकार बताता था। आशीष राय के साथ मिलकर संतोष मिश्रा ने पशुपालन विभाग के करोड़ों के टेंडर में हुई घपलेबाजी में बड़ी भूमिका निभाई थी।
अलास्का रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड, अलास्का कमोडिटीज व अलास्का इंटर प्राइजेज के माध्यम से 60 प्रतिशत प्रतिवर्ष लाभ देने का प्रलोभन देकर सैकड़ों लोगों से करीब 60 करोड़ रूपये जमा करवाने के बाद उसको हड़पने वाले गिरोह के सरगना हरिओम यादव को आज एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया। हरिओम यादव पुत्र राम सिंह यादव निवासी ग्राम सकटू का पुरवा, सदरपुर करोरा, थाना गोसांईगंज, जिला लखनऊ के पास से एसटीएफ को गिरफ्तारी के समय तीन मोबाइल फोन, पांच चेकबुक, एक पास बुक, एक अदद आधार कार्ड, एक लैपटाप तथा 700 रुपया नकद मिला।
उसको एसटीएफ ने ग्राम चांदपुर सराय सुल्तानपुर रोड, थाना क्षेत्र गोसाईगंज से पकड़ा है। हरिओम यादव मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना है। उसने करीब छह सौ से लोगों से करीब 60 करोड़ रूपया हड़पा है। उसके खिलाफ यहां के थाना गोसाईगंज में केस दर्ज है। इसके गैंग के नौ सदस्यों को पुलिस ने 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सरगना हरिओम की तलाश थी। हरिओम यादव ने बताया गया कि 2000 मैने गोसाईगंज चैराहे पर मिठाई की दुकान खोली, परन्तु लाभ न होने के कारण बन्द हो गयी। जिसके पश्चात 2003 में सुपर पैथालाजी गोसांईगंज में 3500 प्रति माह की नौकरी कर ली। इसके बाद 2010 में आइसीआइसीआइ बैंक सिविल हास्पिटल लखनऊ में सेल्स एडवाइजर के पद पर ज्वाइंन किया। 2016 में नौकरी छोड़कर अथर्व इन्फ्रा रियल स्टेट कम्पनी व किसानों की जमीन को कमीशन पर बेचने का काम शुरू किया। 2018 में अलास्का रियल स्टेट प्रालि,अलास्का कमोडिटीज व अलास्का इंटर प्राइजेज के नाम से विभिन्न कम्पनियॉ बनाईं। कम्पनियों के आफिस गोसाईगंज लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई व एफजेडई दुबई में खोले। इन कम्पनियों में इनवेस्ट करने पर 60 प्रतिशत वाॢषक की दर से लाभ देने का प्रलोभन देकर इन कम्पनियों में लगभग 60 करोड़ रूपये जमा कराये। छह फरवरी को कृष्णानगर जनपद लखनऊ थाना अन्तर्गत मेरा 05 करोड़ रूपये (ब्लैक मनी) पकडा गया, जिस कारण मार्च 2019 में थाना कृष्णा नगर जनपद लखनऊ पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 40 दिन बाद जब मै जमानत पर छूट कर आया तो लोगों ने अपना रूपया वापस मांगा।