कोलकाता: रोहिंग्या मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र की नीतियों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि सभी राज्यों को अवैध घुसपैठियों के बायोमेट्रिक्स एकत्र करने को कहा गया है। इस पर राज्य सरकारों को एक रिपोर्ट भी भेजने को कहा गया है, जिसके बाद केंद्र सरकार म्यांमार की सरकार से राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत करेगी। यहां राज्य सचिवालय नवान्न में 23 वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने राज्य सरकारों को यह भी आश्वासन दिया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो केंद्र पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों को भी मुहैया कराएगा।
राजनयिक चैनलों के माध्यम से निकालेंगे मसले का हल
गृहमंत्री ने कहा, ‘राज्यों को उनकी (रोहिंग्या) पहचान करने को कहा गया है। उनसे बायोमेट्रिक्स भी लेना होगा। इसके बाद, वे केंद्र को एक रिपोर्ट भेजेंगे। तब केंद्र सरकार म्यांमार के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से आगे की पहल करेगी और हम इस मसले का हल निकालेंगे।’ राजनाथ सिंह का बयान आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है जिसमें कोर्ट ने कहा है कि सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड नहीं मिले। गृहमंत्री ने राज्यों को यूआइडीएआइ के साथ उन अवैध प्रवासियों के विवरण साझा करने के लिए भी कहा जो गलत तरीके से आधार कार्ड बनाने में सक्षम हुए हैं, ताकि उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।
भारत में 40,000 से अधिक रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भाग लिया। वहीं, ओडि़शा की ओर से वहां के वित्त मंत्री शशि भूषण बेहरा ने भाग लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 40,000 से अधिक रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं, जिनमें से अधिकतर जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं।
उधर, राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अलग से बैठक की। इस बैठक में आर्थिक पैकेज, एनआरसी, बंगाल का नाम बदलने समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर भी बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ और ममता के बीच करीब 50 मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमें से 30 पर दोनों सरकार रजामंद हुईं हैं।