श्रीनगरः श्रीनगर एक बार फिर से कांप उठा जब वरिष्ठ पत्रकार और राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी और उनके पीएसओ की गुरुवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बुखारी पर हमला श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में शाम करीब साढ़े सात बजे तब किया गया जब वह अपने कार्यालय से इफ्तार के लिए निकले थे। हमला किसने किया ये अभी पता नहीं लग पाया है। बताया जा रहा है कि शुजात बुखारी की हत्या आतंकियों ने की है। हालांकि, अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुजात की मौत पर दुख जताया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शुजात की हत्या की निंदा की है।
The killing of @RisingKashmir editor, Shujaat Bukhari is an act of cowardice. It is an attempt to silence the saner voices of Kashmir. He was a courageous and fearless journalist. Extremely shocked & pained at his death. My thoughts and prayers are with his bereaved family.
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) June 14, 2018
शुजात बुखारी की हत्या पर दुख जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा- ‘राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के बारे में सुनकर दुखी हूं। वह एक बहादुर दिल इंसान थे, जो जम्मू-कश्मीर में न्याय और शांति के लिए निडरता से लड़े। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। उन्हें भुलाया नहीं जा सकेगा।’
I’m anguished to hear about the killing of Shujaat Bukhari, editor of @RisingKashmir. He was a brave heart who fought fearlessly for justice and peace in Jammu & Kashmir. My condolences to his family. He will be missed.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 14, 2018
बुखारी की हत्या के बाद मीडिया जगत में शोक की लहर है। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस हमले की कड़ी निंदा की और घटना पर दुख जताया। मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा- ‘शुजात बुखारी की अचानक मौत से बेहद दुखी हूं, ईद की पूर्व संध्या पर आतंक ने अपना घिनौना चेहरा दिखाया है। इस हिंसा की कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं और उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना करती हूं। उनके परिवार को मेरी ओर से सांत्वना।’
Shocked & deeply saddened by the sudden demise of Shujaat Bukhari. The scourge of terror has reared its ugly head on the eve of Eid. I strongly condemn this act of mindless violence & pray for his soul to rest in peace. My deepest condolences to his family.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 14, 2018
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने शुजात की हत्या पर दुख जताया। उन्होंने कहा- ‘शुजात बुखारी की हत्या प्रेस की आजादी पर एक क्रूर हमला है। आतंक का एक भयावह और अपमानजनक कार्य है। निडर मीडिया हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और हम मीडिया व्यक्तियों को एक सुरक्षित और अनुकूल कामकाजी माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
पहले भी हुए हैं अगवा
शुजात बुखारी भारत-पाक के बीच संबंध सामान्य बनाने के लिए जारी ट्रैक -2 की प्रक्रिया में भी शामिल थे। उन्हें 10 जून 2006 को भी आतंकियों ने श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड से अगवा किया था। वह अंग्रेजी दैनिक ‘राइजिंग कश्मीर’ के अलावा कश्मीरी भाषा के अखबार संगरमाल और उर्दू दैनिक ‘बुलंद कश्मीर’ के संपादक और प्रकाशक थे। उनके बड़े भाई सईद बशारत बुखारी पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में कानून मंत्री हैं। शुजात बुखारी के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।