ब्यूरो रिपोर्ट: पूर्वी लद्दाख में भले ही भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हो लेकिन लद्दाख और पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में चीन के साथ सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद भारतीय सेना का मानवीय चेहरा सामने आया है। सेना के जवानों ने सिक्किम के दुर्गम क्षेत्र में रास्ता भटके एक महिला सहित तीन चीनी नागरिकों की जान बचायी और उन्हें जरूरी साजो सामान भी दिया।
ये चीनी नागरिक गुरूवार को उत्तरी सिक्किम के 17 हजार 500 फुट की ऊंचाई पर पठारी क्षेत्र में रास्ता भटक गये थे। भारतीय सेना के जवानों ने जब इनकी जान को खतरे को महसूस किया तो इनकी सहायता के लिए मदद का हाथ बढाया। शून्य से भी कम तापमान में फंसे इन लोगों में दो पुरूष और एक महिला शामिल थी।
जवान तत्काल वहां पहुंचे और उन्हें अत्यधिक ऊंचाई की परेशानियों तथा कठिन जलवायु स्थितियों से बचाने के लिए आक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़ों सहित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। जवानों ने उन्हें उनके गंतव्य पर पहुंचने के लिए समुचित दिशानिदेर्श दिये जिसके बाद वे वापस चले गए। चीनी नागरिकों ने उनकी त्वरित सहायता के लिए भारत तथा भारतीय सेना के प्रति कृतज्ञता जाहिर की।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच पिछले करीब चार महीने से गतिरोध चला आ रहा है जिससे सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। मई के महीने में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर झड़प हुई थी। उसके बाद एक बार फिर से गलवान में हिंसक झड़प हुई। इस दौरान 20 सेना के जवान शहीद हो गए जबकि चीन के करीब 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा नहीं बताया। उसके बाद से लगातार कई दौर की बातचीत के बावजूद स्थित तनावपूर्ण बनी हुई है।