कश्मीर की आज़ादी को लेकर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बयानों का समर्थन कर विवादों में घिरे कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने अब कहा कि वे घाटी में बंदूक थामे युवाओं के साथ ‘पावरफुल डायलॉग’ चाहते हैं। ‘कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ शीर्षक के साथ किताब लिखने वाले सोज ने एक इंटरव्यू में कहा कि केन्द्र को आतंकियों के साथ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के जरिए बात करना चाहिए।
सोज ने आगे कहा- “अगर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ बात कर सकती है तो फिर मोद सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती है? हमें उन बंदूक थामें लड़कों के दिमाग तक पहुंचना होगा। हमें अपनी ताकत दिखाने से काम नहीं चलेगा।”
गौरतलब है कि कांग्रेस एक दिन पहले ही सैफुद्दीन सोज के कश्मीर की आज़ादी के बयान से किनारा कर उसे उनकी निजी राय करार दिया है। किताब के 212 पेज पर लेखक सोज ने कहा है- “परवेज मुशर्रफ ने कहा था कि अगर कश्मीरियों को अपनी इच्छा जाहिर करने का एक मौका दिया गया होता तो उनकी प्राथमिकता आज़ादी होती। वास्तव में, मुशर्रफ का यह आकलन आज भी सही है।” हालांकि, किताब पर बढ़ता विवाद देख सोज ने कहा कि आज़ादी संभव नहीं है।