रक्षा संवाददाता: लद्दाख में भारत से मिल रही कड़ी चुनौती के बीच चीन ने अरुणाचल सीमा पर चहलकदमी बढ़ा दी है। जवाब में भारतीय सेना भी पूरी तैयार है और चीन से सटे 1962 के युद्ध के समय के ‘6 विवादित इलाकों’ और ‘4 संवेदनशील इलाकों’ में सतर्कता बढ़ाई है।
एक उच्च पदस्थ रक्षा सूत्र ने बताया, ‘इन चार विवादित इलाकों के नाम असापिला, लोंगजू, बीसा और माझा हैं और ये अपर सुबानसिरी जिले में स्थित हैं। यहां चीन ने एलएसी के पास एक रोड भी बना ली है।’ उन्होंने आगे बताया, ‘चीन पूरे असापिला सेक्टर पर अपना अधिकार जताता है और इसलिए इसको लेकर काफी विवाद है।’
सूत्र ने बताया, ‘बेहद ऊंचाई पर स्थित असापिला सेक्टर भारत और चीन दोनों के लिए ही बेहद मुश्किल पोजिशन है और जाड़ों में चीनी सेना यहां टिकने की हिम्मत नहीं जुटा सकती। वे यहां से अगले 6 महीनों के लिए पूरी तरह कट जाएंगे।’ बता दें कि मई महीने में चीनी सेना ने 21 वर्षीय एक युवक का असापिला सेक्टर से ही अपहरण कर लिया था। हालांकि 19 दिनों बाद उन्होंने उसे भारतीय सेना के हवाले कर दिया था।
लद्दाख में पिछले कुछ महीनों से जारी तनाव के बीच चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश से सटे हिस्सों में अपनी मूवमेंट बढ़ाई है। हालांकि चीन की हर हरकत पर भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के अफसर नजर बनाए हुए हैं। उधर चीन की किसी भी लद्दाख और गलवान घाटी जैसी किसी भी हरकत से निपटने के लिए भारतीय सेना भी पूरी तरह तैयार है और चीनी सीमा पर पैट्रोलिंग बढ़ाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में भारतीय जवानों से मात खा चुका चीन अब अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा पर किसी नापाक हरकत की साजिश का प्रयास कर रहा है। इसके लिए पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात करने का काम शुरू किया है। इसके अलावा इस हिस्से के अंदरूनी इलाके में भी चीनी सेना की मूवमेंट्स देखी गई है। इन सभी पर भारत की सरकार पूरी नजर बनाए हुए हैं और सेना भी रणनीति के स्तर पर पूरी तरह से सतर्क है।