द फ्रीडम न्यूज, लखनऊ: सरकार के आगे बेबस शिक्षामित्रों ने समायोजन रद्द करने के फैसले के विरोध में बुधवार को महिला शिक्षामित्रों ने अपना सिर मुंडवाया। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में प्रदेशभर के हजारों शिक्षामित्र शामिल हुए। शिक्षामित्रों का प्रदर्शन शहर के गोमती नगर स्थित ईको गार्डन में हुआ। शिक्षामित्र अपने समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस मौके पर महिला शिक्षामित्रों का गुस्सा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी पर फूटा। महिलाओं ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार शिक्षामित्रों को प्रताड़ित कर रही है।
विरोध प्रदर्शन से पूर्व 38 दिनों तक आंदोलन
प्रदेश के शिक्षामित्रों ने इस विरोध प्रदर्शन से पूर्व 38 दिनों तक आंदोलन किया था। इस दौरान कई शिक्षामित्रों की जान चली गई थी। बुधवार महिला शिक्षामित्रों ने मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए अपना सिर मुंडवाया। इस मौके पर उन्होंने मृतक शिक्षामित्रों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन की शुरुआत मृतक आत्माओं की शांति के लिए हवन से की। मुंडन के जरिए विरोध प्रदर्शन में पुरुषों ने भी अपने बाल मुंडवाए।
अखिलेश ने बोला हमला
इस ‘मुंडन विरोध’ पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर ट्वीट कर हमला किया है। अखिलेश ने लिखा है कि हमने जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक बना कर रोजगार व शिक्षातंत्र को सशक्त किया था, उन्हें भाजपा ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है। आंदोलन की बरसी पर महिला- पुरुष शिक्षामित्रों का केश त्यागना वस्तुत: भाजपा में विश्वास का भी त्याग है। शिक्षामित्रों के हर संघर्ष में समाजवादी साथ हैं।
हमने जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक बना कर रोजगार व शिक्षातंत्र को सशक्त करा था उन्हें भाजपा ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है. आंदोलन की बरसी पर महिला-पुरुष शिक्षामित्रों का केश त्यागना वस्तुत: भाजपा में विश्वास का भी त्याग है. शिक्षामित्रों के हर संघर्ष में समाजवादी साथ हैं। pic.twitter.com/sESX6iTNkU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 25, 2018
यह है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया था। इसके बाद से ही शिक्षामित्र समायोजन को लेकर मांग कर रहे हैं और आंदोलनरत हैं। उनकी मांग यह है कि शिक्षामित्रों को पैराटीचर बनाया जाए। इसके अलावा जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं उन्हें बगैर परीक्षा के नियुक्ति दी जाए।
यह है मांगें
वरिष्ठ उपाध्यक्ष सन्तोष दुबे का कहना है कि सरकार नहीं चेती तो विरोध-प्रदर्शन तेज होगा।
1-आरटीई एक्ट 2009 के तहत पूर्ण शिक्षक का दर्जा और वेतनमान
2- उत्तराखण्ड के अनुसार टेट उतीर्ण करने की छूट मिले।
3-जो टेट उतीर्ण है उन्हें बिना लिखित परीक्षा उम्र और अनुभव का भारांक पर नियमित किया जाय।
4- असमायोजित शिक्षामित्रों को समान कार्य-समान वेतन दिया जाए।
5- मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता व एक सदस्य को योग्यता के मुताबिक नौकरी मिले।