सबल और सशक्त भारत के नायक थे बाबा साहब डॉ. भीमराव जी अम्बेडकर
नज़रिया

सबल और सशक्त भारत के नायक थे बाबा साहब डॉ. भीमराव जी अम्बेडकर- संजय जोशी

डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के बारे में लोग उन्हें सिर्फ सविधान निर्माता और दलितों की आजादी के मसीहा के रूप में जानते है। उनके द्वारा किये गए वो अविस्मरणीय कार्य जो दलितों के लिए नहीं अपितु सबके लिए थे । इस बात को बार बार परखा गया और आजमाया गया है। सही मायने में देखा जाय तो सरदार पटेल के तीव्र विरोध के बावजूद उन्होंने महिलाओ सहित सभी को वोट का सवैधानिक अधिकार दिलवाये । महिलाओ को पुरुषो के समान वेतन दिलवाने का कार्य भारत की सभी वर्गो की महिलाओं को बाबा साहब की ही दें है । महिलाओ के लिए प्रसूति अवकाश की व्यवस्था की ये भारत की महिलाओ को बाबा साहब की देन है ।. 12 घण्टे काम करने की अवधी को घटाकर 8 घण्टे किए, इसी कड़ी में हफ्ते में 1 दिन के जरूरी अवकाश की व्यवस्था की भारत के सभी श्रमिकों को यह भी बाबा साहब की देन है ।

इसी तरह ट्रेड यूनियन को सरकारी मान्यता दिलवाई ताकि वो कानूनन अपनी मांग उठा सके ये अधिकार बाबा साहब की देन है ।. भारत में एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज की व्यवस्था की ताकि सरकार के किसी विभाग के बंद होने पर कर्मचारियों को नौकरियों से न निकाला जाए भारत के सभी कर्मचारियों को ये बाबा साहब की देन है ।. कामगार वर्ग के हितो की रक्षा के लिए बिमा स्कीम लागू किया ये भारत को बाबा साहब की देन है।. हर 5 साल में वित्त आयोग की व्यवस्था की ये बाबा साहब की भारत को देन है ।

जब 1925 में अपनी पी०एच०डी० की थीसिस प्रोब्लम ऑफ रुप्पी- ईट्स प्रोब्लम एंड ईट्स सोल्युशन को हिल्टन यंग कमीशन से साझा किया और भारत में रिजर्व बैंक की स्थापना करवाई ये बाबा साहब की भारत को देन है। एक न्यूनतम वेतनमान की व्यवस्था की ये बाबा साहब की भारत को देन है । उद्योग और कृषि के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सस्ती व प्रचुर मात्रा में बिजली की जरूरत की सिफारिश की और बिजली विभाग, निगम और ग्रीड की स्थापना सुनश्चित की ये भारत को बाबा साहब की देन है ।

भारतीय सांख्यिकीय एक्ट बनाया जो देश में महंगाई उन्मूलन, मजदूरी, आय, लोन, बेगारी आदि सम्बंधित योजनाओ के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े मुहैया करवाता है ये भारत को बाबा साहब की देन है। मजदूरो के हितों की रक्षा के लिए मजदूर विकास कोष की स्थापना ये भारत के सभी मजदूरों को बाबा साहब की देन है । देश के विकास में तकनीक और कुशल कामगार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए टेक्निकल ट्रेनिंग और स्किल्ड वर्कर के लिए स्कीम बनाई ये भारत को बाबा साहब की देन है ।. बिजली के साथ सिंचाई की उचित व्यवस्था हो, इसकी देखरेख के लिए उन्होंने दो तकनीकी संगठन की व्यवस्था की, जो आज सेंट्रल वाटर कमीशन एवम् सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथोरिटी के नाम से जाने जाते है ये भारत को बाबा साहब की देन है। बिजली एवं सिंचाई के लिए प्रोजेक्ट बनाए जिनमे दामोदर वेल्ली, भाखड़ा नागल, सोन रीवर वेल्ली, हीराकुण्ड प्रोजेक्ट प्रमुख है ये भारत को बाबा साहब की देन है ।. हर 6 महीने में महंगाई भत्ते की व्यवस्था उन्ही की बाबा साहब देन है। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए प्रोवीडेंट फंड की स्थापना की भारत के सभी कर्मचारियों को बाबा साहब की देन है। कानूनन हड़ताल करने का हक दिलवाया ताकि अधिकारो की रक्षा के लिए विरोध प्रकट किए जा सके बाबा साहब की देन है। कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन की कानूनन व्यवस्था की भारत के कर्मचारियों को बाबा साहब की देन है।

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने यह सब काम किये तो अब सवाल यह उठता है कि बाकी लोगों ने किया क्या ? संविधान सभा के इतने लोग क्या मौन बैठकर बाबा साहब का गुणगान कर रहे थे और देश की कब्र खोद रहे थे इसलिये जब तक इस तरह की बाते होती रहेगी , तनाव यथावत होता रहेगा कोई बदलाव नही आयेगा। वास्तव में देखा जाय तो यह बाबा साहब का ही नही बल्कि सभी का निर्णय था जिसे देश पर अमल के लिये लाया गया। हलाकि इससे देश की प्रगति में बाधा ही पहुंची देश का सर्वागीण विकास नही हो पाया ।

 

(संजय जोशी जी की वेबसाइट से साभार)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं।

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