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1984 दंगा: सज्जन कुमार ने भी किया सरेंडर, मंडोली जेल की बैरक नं. 14 में रहेंगे

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में जीवन पर्यंत कारावास की सजा काटने के लिये सोमवार को एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई थी।  कोर्ट ने उन्हें पूर्वी दिल्ली स्थित मंडोली जेल भेजने का आदेश दिया है। सज्जन से पहले 2 दोषियों- महेंद्र यादव और किशन खोखर ने भी सरेंडर किया। कोर्ट ने महेंद्र यादव को अपनी टहलने की छड़ी और चश्मों को जेल ले जाने की इजाजत दे दी। यादव और खोखर को 10-10 साल की सजा हुई है।

5 सिखों की हत्या के लिए दोषी

17 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट इलाके में 5 सिखों की हत्या के लिए दोषी ठहराया था। हाई कोर्ट ने कुमार के आत्मसमर्पण करने के लिए 31 दिसंबर तक की समयसीमा निर्धारित की थी। उन्होंने मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट अदिति गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण किया। कोर्ट ने सज्जन कुमार की अदालत ने सज्जन कुमार की सुरक्षा संबंधी अनुरोध को स्वीकार किया। उन्हें एक अलग वाहन में जेल ले जाया गया। सज्जन ने कोर्ट से खुद को तिहाड़ जेल में रखने की गुजारिश की, लेकिन कोर्ट ने उनकी यह मांग ठुकरा दी।

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