श्रीनगर : सरकार गिरने के बाद से जम्मू कश्मीर में सियासत उबाल मार रही है। कोई दिन खाली नहीं जाता जब जम्मू कश्मीर पर कोई विवादास्पद बयान ना आये। जम्मू-कश्मीर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के विवादित बयान पर बवाल अभी थमा भी नहीं था कि पार्टी के अन्य बड़े नेता सैफुद्दीन सोज ने जम्मू-कश्मीर की आजादी की बात कर विवाद को और तूल दे दिया है। सोज ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी पाना है। सोज ने कहा कि वर्तमान स्थिति में कश्मीर की आजादी इससे जुड़े देशों के कारण संभव नहीं है, लेकिन यह जरूर है कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान के साथ इसका विलय नहीं कराना चाहते हैं। सोज के इस बयान के बाद उनका जबर्दस्त विरोध भी शुरू हो गया है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने सोज के बयान पर निशाना साधा है।
कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी
सोज ने कहा कि वह निजी रूप से यह कहना चाहते हैं कि कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी है। कश्मीर ना भारत के साथ रहना चाहता है और ना ही यह चाहता है कि पाकिस्तान के साथ इसका विलय कराया जाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए शांतिपूर्ण माहौल की स्थापना जरूरी है, जिससे कि यहां के लोग शांति से रह सकें। सोज ने कहा कि उनके इस बयान का कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है और वह निजी क्षमता से कश्मीर के लोगों के तरफ से यह बातें कह रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आजाद ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ‘बाहुबल’ वाली नीति आम लोगों के खिलाफ काम कर रही है क्योंकि 4 आतंकियों को मारने के चक्कर में 20 नागरिक मारे जा रहे हैं।
बयान के बाद बवाल मच
सोज के इस बयान के बाद बवाल मच गया है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने सोज के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘जब सोज केंद्र में मंत्री थे और JKLF ने सोज की बेटी का अपहरण किया था तब उन्हें केंद्र से मदद मिली थी। ऐसे लोगों की मदद करने का कोई फायदा नहीं। जो भी भारत में रहना चाहता है वह यहां के संविधान को मानते हुए यहां रह सकता है। अगर कोई परवेज मुशर्रफ को पसंद करता है तो उनका एक तरफ का टिकट (पाकिस्तान जाने का) कटवा दिया जाए।’
UPA सरकार में मंत्री रहे हैं सोज
सोज ने यह भी कहा कि सरकार को कश्मीर के सभी पक्षों से बात करनी होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या इन सभी लोगों में हुर्रियत भी शामिल होनी चाहिए सोज ने कहा कि वह कश्मीर के एक सक्रिय पक्षकार हैं और सरकार को उनसे जरूर बात करनी होगी। बता दें कि सैफुद्दीन सोज केंद्र में यूपीए की सरकार के दौरान मंत्री रह चुके हैं और वह जम्मू-कश्मीर में पार्टी के एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं।
आजाद रहना पसंद करेंगे
सैफुद्दीन सोज ने कश्मीर के इतिहास और वर्तमान से जुड़ी एक किताब भी लिखी है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाना है। इस किताब में सोज ने पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोटिंग की स्थितियां होती हैं तो कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने की अपेक्षा अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे।