उप्र, ब्यूरो: राजस्थान में सोमवार को भले ही कांग्रेस का संकट टल गया, लेकिन उत्तर प्रदेश में पार्टी को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी के दो विधायक अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर याचिका दायर की थी।विधानसभा अध्यक्ष ने लम्बी सुनवाई के बाद कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। अब कांग्रेस से निलंबित अदिति सिंह तथा राकेश सिंह विधायक बने रहेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के दोनों बागी विधायकों अदिति सिंह व राकेश सिंह की सदस्यता रद करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने दोनों याचिकाओं को बलहीन बताते हुए उन्हेंं खारिज किया।विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुए विधायक अदिति सिंह व राकेश सिंह की सदस्यता को बरकरार रखा है। इस आशय का फैसला सोमवार को दीक्षित ने सुनाया। बता दे कि कांग्रेस विधानमंडल दल नेता ने रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह और रायबरेली जिले की हरचंद पुर सीट से विधायक राकेश सिंह की सदस्यता दल-बदल के आरोप में निरस्त करने की याचिका दायर की थी।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 26 नवंबर 2019 को एक याचिका दी थी। कांग्रेस का आरोप है कि अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए 2 अक्टूबर 2019 को सरकार के बुलाए गए विशेष सत्र में हिस्सा लिया, जबकि पार्टी ने गांधी जयंती पर सरकार के इस विशेष सत्र का बहिष्कार करते हुए विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था।
कांग्रेस ने रायबरेली से विधायक अदिति सिंह तथा रायबरेली के ही हरचंदपुर से पार्टी के विधायक राकेश सिंह के बगावती तेवर के कारण दलबदल कानून के तहत इनकी विधानसभा सदस्यता को रद करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के पास पत्र भेजा था। लम्बी सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित रखा था। सोमवार को उन्होंने अपना फैसला सुना दिया, जिसके तहत अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की विधानसभा सदस्यता रद नहीं होगी। अदिति सिंह रायबरेली के सदर से कांग्रेस की विधायक हैं और तमाम मौके पर पार्टी विरोधी रुख अपनाती रही हैं।