जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सचिन पायलट का खेमा विधायकों की सदस्यता रद करने को लेकर जारी नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने पायलट की याचिका को स्वीकार करते हुए खंडपीठ को रेफर कर दी है। बृहस्पतिवार देर शाम को होने वाली सुनवाई टाल दी गई है। अब दो जजों की बेंच शुक्रवार दोपहर एक बजे सुनवाई करेगी।
पायलट समर्थक विधायक पृथ्वीराज मीणा ने विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर राज्य विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी गई है। मामले को लेकर दिन में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी उनका प्रतिनिधित्व किया। वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व अभिषेक मनु सिंघवी ने किया।
याचिका पर सुनवाई के दौरान पायलट की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि याचिका में संशोधन स्वीकार किया जा सकता है। हालांकि अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बिना आधार के याचिका को कैसे स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन अब हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर खंडपीठ को भेज दी है।
दिन में सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के इस नोटिस को रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए। साल्वे ने कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) नोटिस जारी नहीं कर सकते। नोटिस की कोई संवैधानिक वैधता नहीं है। इस नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए। हरीश साल्वे का कहना है कि असंतुष्ट विधायक राजस्थान अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं।
इस मामले में हरीश साल्वे की ओर से पहले नोटिस को स्थगित करने की बात कही गई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद साल्वे ने कोर्ट से इस मामले में समय मांगा गया है। इस मामले में अगली सुनवाई खंडपीठ करेंगी, जिसके लिए बेंच का गठन सीजे तय करेंगे।
ज्ञात रहे कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की सोमवार व मंगलवार को आयोजित बैठक में सचिन पायलट और उनके खेमे के 19 विधायक शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद कांग्रेस ने कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया। पार्टी ने उनको और उनके साथी विधायकों को विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की भी तैयारी शुरू कर दी। इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने पायलट सहित उनके खेमे के 19 विधायकों को नोटिस जारी किया।