जयपुर: राजस्थान के सवाई माधोपुर में गुर्जर समुदाय के लोग मकसूदनपुरा गांव के पास ट्रेन की पटरियों में बैठे। आरक्षण को लेकर गुर्जर समुदाय के विरोध के कारण वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे के कोटा डिविजन में 7 ट्रेनों को डायवर्ट और 1 ट्रेन को कैंसल कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ ट्रेनों की दूरी में भी बदलाव किया गया है। राजस्थान में पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज ने शुक्रवार शाम को दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही विभिन्न जिलों में सड़कों पर जाम लगा दिया। साथ ही आरक्षण नहीं मिलने तक रेल और सड़क यातायात थामने की सरकार को चेतावनी दी है। राज्य सरकार ने भी भारी पुलिस बल तैनात करने के साथ ही गुर्जर बहुल इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।
पुलिस फोर्स पटरियों पर तैनात
रेलवे पुलिस फोर्स भी पटरियों पर तैनात की गई है। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर में शुक्रवार को गुर्जर समाज की महापंचायत हुई। इसमें आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि गुर्जर सहित रायका, बंजारा, गाडि़या लुहार और रेबारी जातियों को पांच फीसद आरक्षण देने को लेकर 20 दिन पहले अल्टीमेटम दिया गया था।
समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला
शुक्रवार को सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर में हुई गुर्जर समाज की महापंचायत में आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि गुर्जर सहित रायका, बंजारा, गाडिया लुहार और रेबारी जातियों को पांच फीसद आरक्षण देने को लेकर 20 दिन पहले अल्टीमेटम दिया गया था।सरकार से कहा गया था कि यदि आरक्षण देने की घोषणा नहीं की गई तो गुर्जर समाज सवाई माधोपुर में दिल्ली-मुम्बई रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रेल और सड़क यातायात को बाधित करेगा।
सरकार की तरफ से आरक्षण को लेकर कोई पहल नहीं की गई,अब समाज के पास मलारना डूंगर रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रेल और सड़क यातायात बाधित करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण होगा, किसी को भी परेशान नहीं किया जाएगा। महापंचायत समाप्त होने के बाद बैंसला की अगुवाई में गुर्जर समाज के लोगों ने रेलवे ट्रैक की तरफ कूच किया और करीब आधा घंटे में वहां पहुंचकर पटरी पर कब्जा कर लिया ।
कुल 73 लोग मारे गए
आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज पिछले 14 साल से आंदोलन करता रहा है। विभिन्न चरणों में हुआ आंदोलन कई बार हिंसक भी हुआ, जिसमें 73 लोगों की जान गई। आंदोलन के दौरान रेलवे और रोडवेज की संपत्ति को नुकसान होने के साथ ही आम लोगों को काफी परेशानी हुई थी। आरक्षण की सबसे पहले मांग साल 2006 में उठी थी, 2007 में आंदोलन काफी उग्र हुआ था। इस दौरान पुलिस की फायरिंग में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद 2008 में गुर्जर फिर सड़कों पर उतरे। इस दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प में 38 लोग मारे गए। 2015 में फिर पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। इसके बाद भी कई बार छिट-पुट झड़पें होती रही, इनमें कुल 73 लोग मारे गए।