लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद नरेंद्र मोदी कैबिनेट में यूपी के सांसदों का जलवा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर यहां से कुल 11 सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। मोदी मंत्रिमंडल के जरिए मिशन 2027 को साधने की कवायद की गई है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने पर पूरा जोर रहा है। क्षत्रियों की नाराजगी की चर्चाओं के बीच जहां राजनाथ सिंह और कीर्तिवर्धन को मंत्री बनाया गया है, वहीं जाट वोटों और किसानों का भी पूरा ध्यान रखा गया। राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी पहली बार मंत्री बनाए गए हैं। बांसगांव सीट के सांसद कमलेश पासवान और आगरा सुरक्षित सीट से जीतने वाले एसपी सिंह बघेल के जरिये दलित बिरादरी को भी साधा गया।
ब्राह्मण चेहरे के जितिन प्रसाद को जगह दी गई है। कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद उनको एमएलसी बनाया गया। फिर योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय का प्रभार सौंपा दिया। जितिन प्रसाद को बीजेपी ने कितनी तरजीह दी है कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काटकर उनको उतारा गया था। इस बार की मोदी कैबिनेट में ब्राह्मण चेहरे के रूप में सिर्फ जितिन प्रसाद को ही शामिल किया गया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में महेंद्रनाथ पांडेय और अजय मिश्रा टेनी को ब्राह्मण कोटे से मंत्री बनाया गया था। इस बार दोनों नेता चुनाव हार चुके हैं। सबसे ज्यादा चार ओबीसी चेहरों को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। इनमें पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, अनुप्रिया पटेल, खुद पीएम नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है। अल्पसंख्यक कोटे से हरदीप पुरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से जो चेहरे शामिल हुए हैं, उनमें सात राज्य मंत्री हैं। इनमें जितिन प्रसाद, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, एसपी सिंह बघेल, बीएल वर्मा, कीतिवर्धन सिंह और कमलेश पासवान का नाम शामिल है। राजनाथ सिंह और हरदीप पुरी कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। पिछली सरकार में राजनाथ सिंह देश के रक्षा मंत्री थे। तीन सांसद ऐसे हैं जो पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं। गोंडा के कीर्तिवर्धन सिंह, बांसगांव के कमलेश पासवान और जयंत चौधरी का नाम इस लिस्ट में शामिल है। जयंत चौधरी को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया है।