मध्य प्रदेश

“ना तो CM फुल फ़्लैश हैं, ना ही फ्रेशनेस से काम कर पा रहे”

Saurabh Arora, MP Bureau: कभी केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी मप्र में चेक पोस्टों पर अनाप-शनाप वसूली को लेकर शासन को पत्र लिखते हैं और परिवहन मंत्री पर सीधी उंगली उठाते हैं तो कभी स्वंय सीएम को एक सामान्य टीआई को वसूली प्रकरण में संबोधित कर निलंबित करना का आदेश देना पड़ रहा है यहाँ भी फलां टीआई पर गृह मंत्री की विशेष दया की बात सामने‌ आ रही है तो कभी भ्रष्टाचार का कारम डैम फ़ूट कर पानी सीधे पीएम‌ओ तक पहुँच रहा है जिसमें भी ठेकेदार का पॉलिटिकल फलां मंत्री से कनेक्शन सामने आ रहा है तो मिलावट वाले मिलावट करने में‌ कोई कसर नहीं छोड़ रहे मावा से लेकर नक़ली घी का केन्द्र मप्र है लेकिन मिलावट के ख़िलाफ़ वाक‌ई कोई अभियान है?तो भाई मप्र में ये चल क्या रहा है ?

यहाँ ज़िम्मेदारी भले ही मुख्यमंत्री पर आए लेकिन असल में ज़िम्मेदार सत्ता के क‌ईं केन्द्र जो मप्र में हों ग‌ए हैं कारण वहाँ भी है। साथ ही केन्द्र सरकार का अति दख़ल और मीडिया में बार-बार सीएम का हटना तय जैसी ख़बरों से ऐसा लगता है काफ़ी सालों से ना तो सीएम फुल फ़्लैश हैं ना ही फ्रेशनेस से काम कर पा रहे हैं । फ़लां मंत्री अपने आप को सीएम मानता है और उसी रुतबे में रहकर अपनी पावर का बख़ूबी ग़लत इस्तेमाल कर रहा है तो न‌ए-न‌ए भाजपाई तो दुबारा भाजपा की सत्ता को हमारे कारण सत्ता वाले फ़ैक्टर पर चलते हुए मलाईदार मंत्रालय लिए बैठे हैं और सिर्फ़ वसूली को अपना सत्ता सिद्ध अधिकार मानते हुए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जैसे कल हो ना आज जमकर वसूल लो मध्यप्रदेश के विकास की युवाओं के रोजगार की किसको है पड़ी सिर्फ़ अपने क़िले बन जाएँ कैसे भी अपना नेता सीएम बन जाए ये है मप्र की वर्तमान असलियत।

लेकिन कोई विकास की प्रोग्रेस की उद्योगों की स्थापना की बात कहाँ ग़ायब है? मप्र में सेमीकन्डक्टर के लिए कोई वेदांता के पास प्रस्ताव लेकर गया है क्या ? बताया है क्या वेदांता कपनी को कि सारे रिसोर्सेज़ आपके पास ही नहीं मप्र के पास भी अवेलेबल हैं सभी इंफ्रा मौजूद हैं मप्र देश का दिल है ग्वालियर दिल्ली से लगा है लेकिन उद्योगों के लिए तरस रहा है जिस कारण यहाँ का आदमी गुजरात के में डला है और IT पार्क बनकर भी वीरान पड़ा है और हर युवा को अपने शहर से पलायन करना पड़ रहा है तो मप्र में आख़िर ये कब तक चलेगा स्मार्ट सिटी के बड़े-बड़े गड्डों और ज़हरीले धूल मिट्टी के गुबार से हमेशा की मुक्ति के लिए विकास के लिए मिलकर सब संकल्प लेंगे या सभी अपने-अपने विकास अपनी-अपनी कुर्सी की जुगत में लगे रहेंगे?

Report-

Saurabh Arora, Bureau Head, Madhya Pradesh

द फ्रीडम स्टॉफ
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