नई दिल्ली: कर्नाटक में गठबंधन सरकार के खिलाफ बागी दिख रहे कांग्रेस और जदएस के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने जहां आलाकमान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। वहीं भाजपा भी अपने विधायकों को दिल्ली में ही नजरों के सामने रखना चाहती है। शनिवार को खत्म हो चुकी भाजपा राष्ट्रीय परिषद में हिस्सा लेने आए विधायक अभी भी दिल्ली में जमे हुए हैं और प्रदेश अध्यक्ष व नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने यहीं वेस्टर्न कोर्ट में उनकी बैठक ली। हालांकि इसे कर्नाटक में बदल रहे राजनीतिक माहौल से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन येद्दयुरप्पा ने साफ किया है कि वह केवल लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। विधायकों की बगावत से उनका कोई लेना देना नहीं है।
कांग्रेस-जदएस के 13 विधायक बेेंगलुरु से गायब
गौरतलब है कि कांग्रेस-जदएस के 13 विधायक बेेंगलुरु से गायब हैं, हालांकि मुख्यमंत्री कुमारास्वामी दावा कर रहे हैं कि सरकार को कोई खतरा नहीं हैं और वह उनके संपर्क में हैं, लेकिन कांग्रेस के अंदर बेचैनी है। खासतौर से जिस तरह भाजपा के विधायक दिल्ली में डटे हैं उससे परेशानी ज्यादा है। कर्नाटक भाजपा की प्रभावी नेता शोभा करांदलजे ने दैनिक जागरण को बताया कि उनसे बागी किसी भी विधायक ने संपर्क नहीं किया है। यह सरकार की परेशानी है और भाजपा को घसीटने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। बजाय इसके भाजपा चिंतित है कि कहीं उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश न हो।
दरअसल कर्नाटक में कांग्रेस और जदएस ने मिलकर सरकार को बना लिया था लेकिन उनके पास बड़ा बहुमत नहीं था। ऐसे में अगर 13 विधायक इस्तीफा दे दें तो परेशानी बढ़ जाएगी। वैसे भी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया सरकार से बहुत खुश नहीं माने जाते हैं।