ब्यूरो रिपोर्ट, नई दिल्ली: किसानों के साथ आठवें दौर की बातचीत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से सरकार के इन्कार के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी हमला तेज कर दिया है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर पूंजीपतियों के हित की पैरोकारी करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। वहीं पार्टी ने इस कानून के खिलाफ अपने दूसरे चरण का अभियान भी शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए राहुल ने रविवार को ट्वीट किया, अब भी वक्त है कि पीएम मोदी अन्नदाता का साथ दें और पूंजीपतियों का साथ छोड़ दें। भाजपा सरकार को शुरू से ही पूंजीपति हितैषी बताने की कसरत में राहुल ने भूमि अधिग्रहण कानून पर 2015 में लोकसभा में दिए अपने भाषण को भी टैग किया। इसमें किसानों की जमीन लेने पर पूंजीपतियों की नजर का जिक्र किया गया था। कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से भाषण के इस अंश को ट्वीट करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने भाजपा के किसान विरोधी मंसूबों का सच 2015 में ही संसद में रख दिया था।
डंके की चोट पर कहा था कि देश की असली ताकत किसान-मजदूर में है। आंदोलन के दौरान ठंड की वजह से अब तक काफी संख्या में किसानों की मौत को देखते हुए पार्टी ने सरकार से अडि़यल रुख छोड़ने को भी कहा। कांग्रेस के मुताबिक समय की मांग है कि भाजपा अपना हठ और अहंकार छोड़े। कानून वापसी का राजनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने शनिवार को कृषि कानूनों के खिलाफ अपने अगले चरण के आंदोलन की घोषणा की थी।
इसके तहत 15 जनवरी को पार्टी देश के हर राज्य में किसान अधिकार दिवस मनाते हुए आंदोलन करेगी। युवा कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में पार्टी मुख्यालय में एक मुट्ठी मिट्टी शहीदों के नाम अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके तहत युवा कांग्रेस देश के हर इलाके और शहीद किसानों के खेतों से मिट्टी एकत्र कर राजधानी दिल्ली लाएगी और इससे भारत का मानचित्र बनाकर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देगी।