लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने के आरोपी और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी। यूपी में पहले फेज की वोटिंग के बीच आशीष को जमानत मिलने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुक ओम प्रकाश राजभर ने इस पर इसे ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश बताया है।
ओम प्रकाश राजभर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ”गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को जमानत मिल गई है, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर और लखीमपुर खीरी में जो किसान मारे गए, उन्हें न्याय नहीं मिला है। जब भी बीजेपी का व्यक्तिगत हित होता है, तो उस व्यक्ति को बेल मिल जाती है, और जब उनका हित पूरा नहीं होता तो बेल नहीं मिलती है।”
सुभासपा प्रमुख राजभर ने कहा, ”आशीष मिश्रा को जमानत सिर्फ इसलिए दी गई क्योंकि वह मंत्री के बेटे हैं। बीजेपी जानती है कि वह चुनाव हार रही है। वह ब्राह्मणों का वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, वह समुदाय को दिखाना चाहते हैं कि उनके प्रयासों के तहत यह जमानत मिली है।
3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह हिंसा तब हुई थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। इस घटना में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। अदालत की लखनऊ पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई पूरी करने के बाद मिश्रा की याचिका पर 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने इस मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जमानत दी।