उत्तर प्रदेश

दलित और पिछड़ों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए योगी के मंत्री ने पूछा योगी CM क्यों बने ?

बहराइच : केंद्रीय नेतृत्व के चेताने के बाद भी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी बीजेपी को लगातार निशाने पर लेने से चूक नहीं रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज के नेता और सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने फिर से बीजेपी पर हमला बोल दिया है। मालूम हो पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने रविवार को एक बार फिर गोरखपुर, फूलपुर, कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हार के लिए योगी को जिम्मेदार बताते हुए अब प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। राजभर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है?

योगी सीएम क्यों बनें

एक कार्यक्रम मे हिस्सा लेने पहुंचे राजभर ने कहा कि किसी भी हार की जिम्मेदारी हमेशा राजा की होती है। उन्होने कहा, ‘2017 का विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में लड़ा गया था। उस दौरान सैनी, कुशवाहा, मौर्या समेत तमाम पिछड़ी जातियों में केशव प्रसाद मौर्य को सीएम बनाने के लिए भाजपा को वोट किया, लेकिन सीएम योगी बन गए, जिसके कारण सरकार को पिछड़ों की नाराजगी का सामना करना पड़ा।’

पिछड़ों और दलितों की हो रही अनदेखी
राजभर ने कहा, ‘हमारी सरकार में पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को नीचे से ऊपर तक कहीं भी उचित हिस्सेदारी नहीं मिल पा रही है और इससे लोगों में गुस्सा है।’ बता दें कि पिछले दिनों बलिया में एक कार्यक्रम के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि सरकार द्वारा लोकहित की योजनाओं का प्रचार ना कर पाने के कारण उपचुनाव में उसकी हार हुई है।

कार्यवाई से बच रही बीजेपी

ओमप्रकाश राजभर बीजेपी के गले की फांस बने हुए हैं, जिसे पार्टी न उगल सकती है और न निगल।विपक्षी दलों की एकता को देखते हुए बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव तक किसी तरह की कार्रवाई से बच रही है। राजभर की पार्टी का आधार गाजीपुर, मऊ, बलिया और बनारस के क्षेत्र में है। पार्टी उन पर शिकंजा कसकर उन्हें शहीद नहीं बनाना चाहती है। लेकिन वे जिस तरह से पार्टी और सरकार के खिलाफ बयान देकर मुसीबत खड़ा कर रहे हैं वो फायदे से ज्यादा कहीं नुकसान साबित न हो जाए।

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