जबलपुर: धनुष तोप के कलपुर्जे में धांधली के मामले में गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) के संदिग्ध जूनियर वर्क्स मैनेजर (जेडब्ल्यूएम) एससी खटुआ का शव मंगलवार को मिला। दोपहर जीसीएफ न्यू कॉलोनी ईएमएस पंप हाउस के पास पत्थरों की खोह में शव था। वह पिछले 20 दिन से लापता थे। पांच घंटे बाद शव को खोह से बाहर निकाला जा सका।
एससी खटुआ के छोटे भाई रंजन ने कहा कि भैया कोई राज खोलने जा रहे थे, इसलिए उनकी हत्या कर दी गई। रंजन भी जीसीएफ में कार्यरत हैं। उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि वह क्या राज खोलने जा रहे थे, लेकिन इशारा धनुष तोप की बेयरिंग खरीदी में हुई गड़बड़ी की तरफ था। रंजन ने कहा कि धनुष तोप बेयरिंग खरीदी गड़बड़ी में उनके भाई को फंसाया गया था।
बेयरिंग जर्मनी की जगह चीन से खरीदकर लगाई गई
धनुष तोप में वायर रेस रोलर बेयरिंग जर्मनी की जगह चीन से खरीदकर लगाई गई थी। इसी मामले में खटुआ संदिग्ध थे। इसकी जांच सीबीआई कर रही है। जीसीएफ ने धनुष तोप वायर रेस रोलर बेयरिंग के लिए टेंडर निकाला था। यह टेंडर सिंध सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मिला था। कंपनी ने इसकी सप्लाई फैक्ट्री को कर दी। दो धनुष तोपों में वायर रेस रोलर बेयरिंग लगाकर इसकी टेस्टिंग शुरू हुई थी। इसी दौरान आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कोलकाता मुख्यालय को इस मामले में शक हुआ कि बेयरिंग जर्मन निर्मित न होकर चीन में बनी हुई है। मुख्यालय ने जांच के लिए मामला सीबीआइ को सौंप दिया।
शव की शिनाख्त एससी खटुआ के रूप में हुई
सीबीआइ की टीम जांच के लिए तीन बार शहर आ चुकी है। सीबीआइ टीम जीसीएफ के संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रही थी। टीम को मामले में फैक्ट्री के एससी खटुआ पर शक था। उन्हें हेडक्वार्टर न छोड़ने के निर्देश दे दिए गए थे। इसी बीच सीबीआइ ने खटुआ को पूछताछ के लिए दिल्ली तलब कर लिया। 17 जनवरी को खटुआ घर से फैक्ट्री के लिए निकले, लेकिन वहां नहीं पहुंचे। उन्हें शहर के मदन महल क्षेत्र और फैक्ट्री गेट पर आखिरी बार देखा गया था। परिजन उनकी तलाश करते रहे। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि जीसीएफ न्यूकॉलोनी ईएमएस पंप हाउस के पास पत्थरों की खोह एक शव फंसा है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने जब जांच की तो शव की शिनाख्त एससी खटुआ के रूप में हुई।