New Delhi, Special correspondent: उत्तर प्रदेश में पहली और दूसरी डोज में अलग-अलग वैक्सीन लगाए जाने पर जहां बवाल मचा हुआ है, वहीं इस पर सरकार का रवैया हैरान करने वाला है। नीति आयोग के मेंबर डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि दोनों डोज अलग-अलग वैक्सीन की दिए जाने पर चिंता करने की जरूरत नहीं है।
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीनेशन पर हमारा प्रोटोकॉल स्पष्ट है। दोनों डोज एक ही वैक्सीन की दी जाएंगी। अगर अलग-अलग डोज दी गई हैं तो इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो भी गया है तो उस व्यक्ति को चिंता करने की ज़रूरत नही है।
उन्होंने कहा, ‘वैक्सीन की मिक्सिंग से इतना कोई सिग्निफिकेंट इश्यू नहीं होना चाहिए। ये भी कहा जाता है कि अगर बदलकर वैक्सीन लगाओ, तो इम्यूनिटी ज्यादा होती है। हालांकि फिलहाल हम ऐसा नहीं देख रहे हैं। ऐसी कोई रिकमेंडेशन भी कहीं से नहीं आई है। कुछ देशों में इसको लेकर जो हुआ है, वो सिर्फ ट्रायल के तौर पर हुआ है। ट्रायल में देखा जा रहा है कि वैक्सीन को मिक्स करें तो क्या फायदा होता है।’
कोरोना पर राहत भरे आंकड़े, 20 दिन से केसों में गिरावट
इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कोरोना पर राहत पहुंचाने वाले आंकड़े दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 20 दिन से देश में कोरोना केसों में गिरावट देखी जा रही है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि ये अच्छी बात है कि अब दूसरी लहर का उतार देखने को मिल रहा है। ये उतार लगातार जारी रह सकता है, अगर हम आने वाले वक्त में अनलॉक की प्रक्रिया को सही तरीके से अंजाम देंगे।
देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति
- 24 राज्यों में बीते एक हफ्ते में केस लगातार घटे हैं। इसके अलावा 1 मई को जो रिकवरी रेट 81% के पास था, वो अब बढ़कर 90% हो गया है।
- देश में कोरोना के जितने केस रोजाना सामने आ रहे हैं, उससे ज्यादा रिकवर यानी ठीक हो रहे हैं। 10 दिन से रोजाना 3 लाख से कम केस आ रहे हैं।
- देश में एक दिन में सबसे ज्यादा टेस्ट 26 मई को रिकॉर्ड किए गए। इस दिन 22.17 लाख टेस्ट हुए।
- अब तक 20.26 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। इसमें से 15.90 करोड़ लोगों को पहली डोज और 4.36 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं।
- वैक्सीनेशन में तेजी आई है। भारत बायोटेक अपना वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ा रहा है। अब वो हर महीने 10 करोड़ डोज तक प्रोडक्शन कर सकता है।
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद एंटीबॉडी टेस्ट नहीं कराना है। यह असर जांचने का एक तरीका है, लेकिन एकमात्र तरीका नही। टीके के बाद एंटीबॉडी किसी में कम होती हैं, किसी में ज्यादा। उन्होंने कहा कि बूस्टर पर भी ट्रायल चल रहा है, जरूरत होने पर उसके बारे में आगे बताया जाएगा।