अगर आप कोरोना संक्रमण की चपेट में आते हैं और जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है तो अब पूरे परिवार की जांच कराना जरूरी नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले रोगियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार ऐसे रोगियों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर सात दिन तक खुद को क्वारंटीन कर अपनी देखभाल करने की सलाह दी है।
साथ ही मंत्रालय ने यह भी बताया है कि आपको कब डॉक्टर या अस्पताल की जरूरत पड़ेगी? किस तरह आपको अपना ख्याल रखना है और परिवार के दूसरे सदस्यों को किस तरह से अपना बचाव करना है? मंत्रालय ने यह भी बताया है कि बिना लक्षण का मतलब वो मामले जो किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं कर रहे हैं।
मरीज के क्वारंटीन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
मरीज और उसके परिवार को एक फोन नंबर देना चाहिए जो जरूरत पड़ने पर 24 घंटे में कभी भी सहायता प्रदान कर सके।
मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों खुराक लगी होनी चाहिए।
मरीज के चेहरे पर तीन लेयर वाला मास्क होना चाहिए और मरीज को 24×7 देखभाल करने वाला होना चाहिए।
बाकी सदस्य भी आइसोलेट रहें और अपने लक्षणों की निगरानी रखें।
अगर घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति है तो उनकी निगरानी भी रखें। मरीज से परिवार के दूसरे सदस्य रहें दूर जिस कमरे में मरीज आइसोलेट है वहां से घर के अन्य लोगों को दूर रहना चाहिए।
रोगी को एक हवादार कमरे में क्रॉस वेंटिलेशन के साथ रहना चाहिए और ताजी हवा आने के लिए खिड़कियां खुली रखनी चाहिए।