इलाहाबाद: आये दिन पूरे देश से साम्प्रदायिक तनाव की खबरों ने अखबारों को ढक दिया है। हर तरफ समाज को तोड़ने वाली ताकतें अपना प्रभाव दिखाती रहती हैं। पर हिंदुस्तान की हवाओं में जो गंगा-जमुनी तहज़ीब का असर है वह खत्म होने का नाम नहीं लेता था। नफरत पर मुहब्बत भारी ही पड़ी है। कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है तीर्थ नगरी इलाहाबाद के बाशिंदों ने सांप्रदायिक सद्भाभावना और भाईचारे की एक नई मिशाल पेश की है। पुराने इलाहाबाद में सरकारी जमीन पर बनी कई मस्जिदों के बड़े हिस्से को खुद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ढहा दिया क्योंकि यहां से कुंभ मेले के लिए जाने वाली सड़क को चौड़ा किया जाना था और मुस्लिम समाज इसके समर्थन में है। मस्जिदों को तोड़ने के दौरान कोई तनाव या हिंसा न हो इसलिए मुस्लिम समाज ने खुद से ही सरकारी जमीन पर बने ढांचे को गिराने का फैसला किया।
इलाहाबाद के इस हिस्से में कई मस्जिदें है जो काफी पुरानी हैं और स्थानीय लोग यहीं पर जमा होकर नमाज अदा करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि मस्जिदों का जो हिस्सा सरकारी जमीन पर बना है उसे गिराया गया है और यह किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं बल्कि खुद मुस्लिम समाज के लोगों ने किया है।
प्रयाग में अगले साल 15 जनवरी से शुरू होने वाले अर्द्ध कुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सारे इंतजामों पर नजर बनाए हुए हैं। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद यूपी में पहली बार कुंभ मेले का आयोजन होना है।यहां साल 2013 आखिरी बार कुंभ का आयोजन हुआ था। अगली बार 2025 में कुंभ मेले का आयोजन होगा लेकिन उससे पहले 2019 में अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन प्रयाग में होना है। इस दौरान देश-दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगा स्नान के लिए इलाहाबाद पहुंचते हैं।