सौरभ अरोरा, मप्र ब्यूरो: कांग्रेस छोड़कर करीब तीन माह पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर बायो पर सवाल उठाए जाने और सिंधिया की सफाई के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर तेजी से यह बात वायरल हुई कि नाराजगी के चलते सिंधिया ने अपने ट्विटर बायो से भाजपा शब्द हटा दिया है।
सिंधिया 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं और उसके पहले इस घटना से सिंधिया समर्थकों में उबाल आ गया है। सिंधिया के ट्विटर अकाउंट के बायो को लेकर दो दिन से सोशल मीडिया पर सूचना पोस्ट की जा रही थीं कि उन्होंने अपने बायो में से भाजपा को हटा लिया है। शनिवार को अपने एक समर्थक के ट्वीट को री-ट्वीट कर उन्होंने सफाई में कहा कि सोशल मीडिया और मीडिया में चल रही खबरें पूरी तरह से निराधार हैं। समर्थक के ट्वीट में यह भी कहा गया है कि सिंधिया ने अपने अकाउंट बायो में कोई परिवर्तन नहीं किया है। पहले जो क्रिकेट प्रेमी और जनसेवक था, वही आज भी है।
सिंधिया के साथ ही भाजपा में शामिल होने वाले वरिष्ठ नेता पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि सिंधिया के ट्विटर अकाउंट के बायो को बदले जाने की खबरें पूरी तरह निराधार हैं। कांग्रेस छोड़ने से पहले सिंधिया ने अपने अकाउंट के बायो में खुद को क्रिकेट प्रेमी और जनसेवक लिखा था। भाजपा में शामिल होने के बाद सिर्फ अपने प्रोफाइल पिक्चर में बदलाव किया था। इसके अलावा कोई और परिवर्तन नहीं किया, इसलिए जब कोई बदलाव ही नहीं हुआ तो फिर परिवर्तन का सवाल ही कहां है।
सिंधिया समर्थकों का कहना है कि शरारती तत्वों ने साजिश के तहत सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से फैलाई कि भाजपा से नाराजगी के चलते सिंधिया ने अपने ट्विटर बायो से भाजपा को हटा दिया। सिंधिया का कहना है कि बायो में जो चीजें थीं वही आज भी हैं। सिर्फ तस्वीर में बदलाव हुआ है। पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि ये वे लोग हैं जो सिंधिया की लोकप्रियता से डरते हैं। सिंधिया के ट्विटर हैंडल की शुरूआत में दो महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की गई हैं-लोक सेवक और क्रिकेट उत्साही। प्रोफाइल तस्वीर में उस समय को दर्शाया गया है जब वह भाजपा में शामिल हुए थे, जिसमें वह मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं, गर्दन के चारों ओर ‘कमल’ की निशानी के साथ ‘गमछा’ पहने हुए हैं।