अजय सिंह, इंदौर: राजधानी सहित पूरे प्रदेश के हाइवे पर जहां-देखो वहां मजदूरों का सैलाब और रेला दिखाई दे रहा है। ये वे मजदूर हैं जो कोरोना के कहर के चलते काम न मिलने पर अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। सर्वाधिक मजदूर महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश लौट रहे हैं। गुजरात से भी लगातार मजदूर आ रहे हैंं। राज्य सरकार का दावा है कि इन मजदूरों को प्रदेश में वापस लाने के लिए वह स्पेशल ट्रेन और बसों की व्यवस्था कर रही है पर जितने मजूदर इन राज्यों में हैं उतने सरकारी साधन नहीं है। रोजी- रोटी छिन जाने के बाद इन मजदूरों ने पैदल ही घर लौटना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा मजदूर महाराष्ट्र में बेकाम हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इन मजदूरों को मध्यप्रदेश के सीमा जिलों पर छोड़ दिया है। यहां से कई मजूदर ट्रक, बस आटो से अपने गतन्व्य लौट रहे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं मीलों का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं।
रात काटने की भी कोई व्यवस्था नहीं
इन मजदूरों के हाइवे पर रात काटने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। तेज धूप में चलते-चलते थक जाने पर ये मजूदर सड़क किनारे ही सो जाते हैं और अलसुबह फिर अपने सफर पर निकल पड़ते हैं। अधिकांश मजदूर यूपी, विंध्य और बुंदेलखंड के निवासी हैं। इसके अलावा कई मजदूर ट्रक, बस और आटो किराए से लेकर अपने घरों के लिए रवाना हुए हैं पर सफर लंबा होने के कारण इन्हें रात में कही न कहीं रूकना पड़ता है, ऐसे में खाना उनके लिए बड़ी समस्या बन गया है।