अजय सिंह, इंदौर : कोरोना महामारी से लड़ाई में इंदौर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी रफ्तार और सख्ती से बीमारी से मुकाबले के प्रयत्न जारी रहे तो 10 दिन में स्थिति नियंत्रण में होगी। आइआइएम इंदौर के शोध अध्ययन में यह बात सामने आई है। इसी शोध अध्ययन की 6 अप्रैल को जारी रिपोर्ट में कोविड-19 को लेकर प्रदेश को चेताया गया था। पहले दौर के अध्ययन में पेश आंकड़े जमीनी स्थिति पर सटीक साबित हो रहे हैं। ताजा अध्ययन के मुताबिक शहर में संक्रमण दर से लेकर रिकवरी रेट तक में सुधार हुआ है। यहां तक कि अब एक मरीज पहले के मुकाबले कम संक्रमण फैला रहा है।
IIM इंदौर के प्रो. सायंतन बनर्जी अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के चार अन्य प्रोफेसर सहयोगियों के साथ कोविड-19 की स्थिति पर लगातार शोध अध्ययन कर रहे हैं। पहले दौर में शोध अध्ययन के आंकड़े जारी करते हुए बनर्जी ने कहा था कि ताजा स्थिति में अप्रैल अंत या मई तक प्रदेश में लगभग ढाई हजार संक्रमित होंगे। आज की स्थिति में संक्रमितों की संख्या 2299 तक पहुंच गया है।
संक्रमण फैलने की दर घट गई है इंदौर में
शुक्रवार को अध्ययन के दूसरे दौर की रिपोर्ट जारी करते हुए बनर्जी ने कहा कि इंदौर में संक्रमण फैलने की दर घट गई है। 30 अप्रैल को संक्रमण की दर 8.18 प्रतिशत थी जो 13 मई को 3.13 प्रतिशत पर आ गई है। इस शोध अध्ययन का सबसे अहम बिंदु है आर-नॉट की दर में कमी। बनर्जी के मुताबिक आर-नॉट का मतलब है एक संक्रमित व्यक्ति अब कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर रहा है। इंदौर में अब इसकी दर 1.54 रह गई है। यदि दर और गिरकर 1 से कम पर आ जाती है तो कहा जा सकता है कि स्थिति हमारे नियंत्रण में है।
ज्यादा सैंपलिंग और जांच का असर
शहर में जांचें ज्यादा होने लगीं। रिपोर्ट जल्दी आ रही हैं और ठीक होने वाले मरीजों की दर भी 48 प्रतिशत हो गई है। इस लिहाज लॉकडाउन जारी रहते हुए गति से टेस्टिंग और ट्रेसिंग होती रही तो अगले दस दिन में शहर में आर-नॉट का औसत 1 से नीचे आ जाएगा।