Ajay Singh, Indore: लॉकडाउन के बावजूद इंदौर बायपास से रोजाना सात हजार वाहनों की आवाजाही हो रही है। इनमें ज्यादातर बड़े व्यावसायिक वाहन हैं, इसलिए टोल टैक्स भी पर्याप्त मिल रहा है। बायपास स्थित टोल प्लाजा से सबसे ज्यादा वाहन गुजर रहे हैं, जबकि मांगलिया टोल प्लाजा से रोजाना बमुश्किल 100-200 वाहन गुजर रहे हैं। व्यावसायिक वाहनों की अच्छी संख्या के कारण लॉकडाउन के दौरान भी टोल वसूलने वाली कंपनी को रोजाना औसतन 40 प्रतिशत तक टैक्स मिल रहा है।
नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने 19 अप्रैल की रात 12 बजे से देशभर के नेशनल हाइवे पर टोल वसूली शुरू करने की अनुमति दी थी। उसके बाद से इंदौर बायपास और मांगलिया टोल प्लाजा को मिलाकर रोजाना औसतन सात हजार वाहन गुजर रहे हैं। इंदौर-देवास टोलवेज कंपनी के पदाधिकारियों का कहना है कि बायपास के मुख्य टोल प्लाजा से ज्यादातर जरूरी सप्लाई में लगी हुई गाड़ियां गुजर रही हैं। ये वाहन बड़े और भारी वाहन श्रेणी के हैं, इसलिए टोल टैक्स का कलेक्शन अपेक्षाकृत अच्छा हो रहा है। कई गाड़ियां सरकारी विभागों की भी हैं जो कोरोना से निपटने के कार्यों में लगी हैं। गिने-चुने निजी वाहन हैं जिन्हें सरकारी अनुमति देखकर जाने दिया जा रहा है।
इंदौर-देवास टोलवेज कंपनी के टीम लीडर अजय पांडे के मुताबिक आम दिनों में बायपास टोल प्लाजा से रोजाना औसतन 21-22 लाख रुपये का टैक्स मिलता है जो अब रोजाना आठ से 10 लाख रुपये के बीच मिल रहा है। मांगलिया गांव के रास्ते ग्रामीणों ने बंद कर दिए हैं इसलिए जो वाहन भीतर ही भीतर मांगलिया टोल प्लाजा पहुंचते थे, उन्हें भी बायपास तरफ से आना पड़ रहा है।
कंपनी ने बताया कि ट्रैफिक घटने से टोल प्लाजा पर दो-तीन काउंटर ही चालू रखे जा रहे हैं। जो टोल टैक्स आ रहा है, उनमें से 15 से 20 प्रतिशत ही नकद है। बाकी टोल फास्टैग यानी इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के जरिए मिल रहा है। नकद राशि को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है। टोल कर्मियों को भी सुरक्षा के लिए ग्लव्स और टोपी आदि दी गई है।