चंडीगढ़ : देश का अन्नदाता है आक्रोश में है। अपनी मांगों को लेकर मध्य प्रदेश समेत देश के छह राज्यों के किसान आज से आंदोलन पर हैं। राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय आंदोलन का आह्वान किया है। इस बीच आक्रोशित किसानों ने शहरी इलाकों में दूध की आपूर्ति बंद कर दी है। इतना ही नहीं किसानों ने सड़कों पर फलों और सब्जियों को फेंककर अपना विरोध जताया है। इसी बीच कृषि मंत्री के बयान के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है। किसान आंदोलन को पूरी तरह खारिज करते हुए खट्टर ने कहा कि किसानों का ऐसा कोई मुद्दा है ही नहीं और वे बेकार की चीजों पर ध्यान लगाकर अपना ही नुकसान कर रहे हैं।
खट्टर ने कहा, ‘हड़ताल तो कोई मुद्दा ही नहीं है। वे जो दूध और सब्जियां सड़क पर फेंक रहे हैं, बेचने से इनकार कर रहे हैं, इससे उन्हीं का नुकसान होना है। वे बेकार की चीजों में ध्यान लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं।’ गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में किसान गुरुवार से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंदसौर कांड की बरसी पर हो रहा आंदोलन
गौरतलब है कि पिछले साल 6 जून को मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान 6 लोगों के मारे जाने की घटना के एक साल पूरा होने पर देशभर में बुधवार से शुरू होकर 10 दिन के लिए किसान आंदोलन किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि एक साल में किसानों के हालात नहीं सुधरे हैं और वे एक बार फिर कर्जमाफी, उत्पाद की बढ़ी कीमत और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग लेकर सड़कों पर हैं। यही नहीं, अपनी बात सुनवाने के लिए किसान उन्हीं उत्पादों को सड़कों पर फेंक रहे है जिन्हें कई महीनों की मेहनत के बाद उन्होंने पैदा किया था।