अरविंद राय, कोलकाता: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब जीएसटी भुगतान में हो रही देरी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की है। बुधवार को पीएम को लिखे पत्र में ममता ने जीएसटी बकाए को लेकर केंद्र द्वारा दिए गए विकल्प को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार खुद उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का बकाया दे। ममता ने यहां तक कहा है कि केंद्र की तरफ से जीएसटी का भुगतान नहीं होने के चलते उनका सरकार पर से विश्वास उठता जा रहा है।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने GST लागू करने का विरोध किया था
प्रधानमंत्री को लिखे 4 पन्नों के पत्र में ममता ने यह भी याद दिलाया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने (नरेंद्र मोदी ने) जीएसटी लागू करने का विरोध किया था। तृणमूल सुप्रीमो ने इस बात का भी जिक्र किया है कि स्वर्गीय अरुण जेटली ने दिसंबर 2013 में सार्वजनिक तौर पर यह बयान दिया था कि भाजपा इस एकमात्र वजह से जीएसटी लागू करने का विरोध कर रही है, क्योंकि उसे यह भरोसा नहीं है कि केंद्र सरकार राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई का वादा पूरा करेगी!
मांग-केंद्र सरकार खुद उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का बकाया दें
ममता ने प्रधानमंत्री से दखल की मांग करते हुए जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार खुद उधार लेकर राज्यों को तुरंत जीएसटी का बकाया भुगतान करें। बताते चलें कि इससे पहले कई और गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर केंद्र द्वारा जीएसटी बकाए पर दिए गए विकल्प को खारिज कर दिया है। साथ ही मांग की है कि केंद्र सरकार खुद उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का बकाया दें।
गौरतलब है कि हाल में जीएसटी काउंसिल के 41वीं बैठक हुई थी। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी की आपदा को ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानी ईश्वर का कृत्य करार देते हुए कहा था कि महामारी के चलते जीएसटी कलेक्शन पर भारी असर पड़ा है। उन्होंने जीएसटी बकाए के भुगतान के लिए राज्यों को बाजार से कर्ज लेने समेत दो विकल्प दिए हैं। लेकिन, बंगाल सहित कई ने इस को ठुकरा दिया है।