मध्य प्रदेश

कमलनाथ का सिंधिया पर हमला, कांग्रेस को धोखा देने वाले राजा-महाराजाओं का हश्र देखा है सबने

सौरभ अरोरा, भोपाल: एमपी की राजधानी भोपाल में विधायकों की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर हमला बोला। पूर्व सीएम कमलनाथ ने नाम लिए बगैर सिंधिया को धोखेबाज कहा और उन्हें इतिहास की नसीहत दी। वहीं, दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के साथ उनकी दोस्ती को याद किया।

राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों की गुरुवार को हुई बैठक में कमलनाथ और कांग्रेस नेताओं ने महारानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि दी। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी मौजूद थे। कमलनाथ ने सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने पर नाम लिए बगैर तंज कसा और कहा, ‘कांग्रेस पार्टी का इतिहास लोगों को जोड़ने का रहा है। जिन राजा-महाराजाओं ने कांग्रेस को धोखा देकर अपनी अलग पार्टी बनाई, उनका हश्र सभी ने देखा। कांग्रेस आज भी आम जन की पार्टी है, यही हमारी संस्कृति है।’ कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस लोगों को जोड़ती है, समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है। उन्होंने सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोगों का इतिहास ही धोखे का रहा है।

सोशल मीडिया निभाएगा अहम भूमिका: कमलनाथ
कमलनाथ ने विधायकों को सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह दी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में भी सोशल मीडिया अहम भूमिका निभाएगा। इसलिए सभी विधायकों को इस प्लेटफॉर्म पर मजबूत उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए। बैठक को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने भी संबोधित किया। उन्होंने भी सिंधिया पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों में उन लोगों के प्रति गुस्सा है जिन्होंने कांग्रेस के साथ धोखा कर बहुमत की सरकार गिरा दी। उन्होंने विधायकों से राज्यसभा चुनाव के अगले दिन से उपचुनाव की तैयारियों में जुटने की अपील भी की।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के साथ अपनी दोस्ती को याद किया। दिग्विजय ने कहा कि अगले साल उन्हें राजनीति में आए 50 साल हो जाएंगे और कमलनाथ से उनकी दोस्ती 40 साल पुरानी है। कई लोगों ने दोस्ती में सेंध लगाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। बैठक में राज्य सभा के लिए कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूलसिंह बरैया, राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी, संजय कपूर, और कुलदीप इंदौरा सहित अन्य नेता मौजूद थे।

द फ्रीडम स्टॉफ
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