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बीजेपी ने सबसे ज्यादा 63 सीटें खोईं, 47 सीटों के साथ सबसे कमाऊ बनी कांग्रेस, सरकार बनाने का किसका दावा मजबूत

Loksabha Election Results 2024 लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के साथ्ज्ञ ही देश में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। नई सरकार के शपथ ग्रहण और नए मंत्रियों के चुने जानें की भी अटकलें तेज हैं। पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाएंगे या फिर नई सरकार के गठन में कुछ खेल हो सकता है, उससे पहले ग्राफिक से नतीजों को लेकर देश के सियासी मिजाज को समझते हैं।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव, 2024 के नतीजे पूरी तरह आ चुके हैं। भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को 292 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन 234 सीटें जीतने में कामयाब रहा है। भाजपा अपने दम पर 543 सदस्यीय लोकसभा के लिए 272 के बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई है। वह बहुमत से 32 सीटें दूर है। हालांकि, नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने में ज्यादा मुश्किल नहीं आने वाली है, क्योंकि एनडीए को बहुमत से 20 सीटें ज्यादा मिली हैं। हालांकि, सियासत में खेला कभी भी हो सकता है। कांग्रेस की अगुवाई वाला इंडिया गठबंधन भी सरकार बनाने के लिए रस्साकसी कर रही है। वह भी बहुमत के आंकड़ों से महज 38 सीटें दूर है। आने वाले दिनों में सरकार बनाने की कवायद फिलहाल तेज होने वाली है। आज यह जानेंगे कि भाजपा को इस चुनाव में कितना नफा और कितना नुकसान हुआ है। नतीजों के बारे में हम ग्राफिक से समझते हैं।

इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 63 सीटों का सीधा नुकसान हुआ है। इन्हीं के गंवाने की वजह से वह बहुमत के आंकड़े को पार करने से रह गई। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को कम से कम 47 सीटों का फायदा हुआ है। लोकसभा की 543 सीटें ऐसी रहीं, जिनमें से 317 सीटों पर पिछली बार के चुनावों में जीती पार्टी का ही कब्जा कायम रहा।

इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट प्रतिशत में मामूली कमी आई। 2019 में पार्टी का वोटों का प्रतिशत 37.3% था, जो अब 2024 में घटकर 36.6% रह गया। वहीं कांग्रेस का पिछले बार का आंकड़ा 19.66% रहा था। इस बार उसका वोटों का प्रतिशत बढ़कर 21.3% हो गया, जिसका उसे सीटों के रूप में करीब 47 सीटों का फायदा पहुंचा। इसे ग्राफिक से समझते हैं।

एनडीए को आंध्र प्रदेश और ओडिशा ऐसे दो राज्य रहे, जहां उसे सबसे बड़ी जीत मिली है। 2024 में आंध्र प्रदेश में एनडीए को 21 सीटें मिलीं, जो 2019 के मुकाबले 3 सीटें ज्यादा रहीं। वहीं, ओडिशा में एनडीए को पिछली बार के 11 के मुकाबले 19 सीटें मिलीं। वहीं, यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान ऐसे राज्य रहे, जहां पार्टी को बड़ा झटका लगा है। एनडीए को इन तीनों राज्यों में पिछली बार कुल 126 सीटें मिली थीं, जो इस बार घटकर 68 रह गईं। पार्टी को इन जगहों पर 58 सीटों का नुकसान हुआ। नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं।

कांग्रेस की अगुवाई इंडिया गठबंधन को यूपी, महाराष्ट्र के साथ-साथ राजस्थान, कर्नाटक और बिहार ने भी बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इंडिया ब्लॉक को यूपी में इस बार 43 सीटें मिली हैं, जो पिछली बार 37 ही थीं। वहीं, महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन को इस बार 29 सीटें मिलीं, जबकि पिछली बार उसे यहां से 20 सीटें ही हासिल हुई थीं। बाकी कर्नाटक, बिहार और राजस्थान में भी गठबंधन को थोड़ी बढ़त मिली है। इसे भी नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं।

तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय दलों का एक बार फिर से प्रभाव बढ़ा है। ये क्षेत्रीय पार्टियां या तो सरकार बनाने की स्थिति में हैं या किंगमेकर की भूमिका में हैं।

द फ्रीडम स्टॉफ
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